(इनपुट - संदीप मिश्रा, लखनऊ)
लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने काम मे शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों पर चाबुक चलाकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि काम में लापरवाही उन्हें गंवारा नहीं.. जबसे उन्होंने नगर निगम की कमान संभाली है, ताबड़तोड़ एक्शन मोड में चल रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा डालने से लेकर निगम के पार्किंग स्थलों पर अवैध तरीके से खड़े वाहनों पर जुर्माना लगाने तक में वह बेखौफ कार्रवाई करते नजर आए हैं। आज नगर निगम लखनऊ जोन 7 में हाउस टैक्स निर्धारण और वसूली की समीक्षा बैठक में उन्हें ऐसे दो हजार भवन मिले, जिन पर वर्ष 2010 से एरियर समेत गृह कर बकाया है। लेकिन राजस्व निरीक्षक द्वारा भवन मालिकों को वसूली के लिए न तो कोई नोटिस दी गई और ना ही किसी तरह की कोई अन्य कार्यवाही की गई। समीक्षा बैठक के दौरान मामला प्रकाश में आने पर नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने राजस्व निरीक्षक को सेवा से बर्खास्त करने के लिए नोटिस जारी करने का निर्देश मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को दिया। राजस्व निरीक्षक द्वारा जहां एक तरफ लापरवाही से कार्य करने के कारण विभाग को भारी भरकम राजस्व का घाटा हुआ है, वहीं दूसरी ओर इसके चलते शहर के विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। नगर आयुक्त के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्होंने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को जमकर फटकार ही नहीं लगाई बल्कि मनमाने ढंग से कार्य करने वाले कर्मचारियों को सख्त कार्रवाई के लिए सचेत भी किया।