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हापुड़ बाल - बाल बचा बल्लभगढ़ बनने से.. नाबालिग लड़की का अपहरण न कर पाया तो लोहे की रॉड से मारा शाहरुख ने, वो शाहरुख जो अपना नाम बताता था "गुज्जर"

शौर्यवान व नारी सम्मान के रक्षक गुज्जरों को बदनाम करने की साजिश तो नहीं ?

Rahul Pandey
  • Oct 31 2020 6:37AM

इस घटना में ना सिर्फ आतंकी हरकतों जैसी लव जिहाद की बू आ रही है बल्कि साजिद इस बात की भी दिखाई दे रही है कि हिंदुओंं की मार्शल वाह नारी सम्मान के रक्षक वर्ग कहे जाने वाले   गुर्जरों को बदनाम करने की कोई बहुत बड़ी और बहुत पुरानी सोची समझी साजिश तो नहीं थी. सवाल यह है कि आखिर दरिंदा शाहरुख अपने नाम में गुज्जर क्यों लगाता था। कहीं ऐसा तो नहीं कि कुकृत्य शाहरुख खरे और बदनाम गुज्जर हो.

निश्चित तौर पर इस घटना के बाद आप लोग सोचने पर जरूर मजबूर हो जाएंगे कि क्या कहीं देश में जानबूझकर एक सोची समझी साजिश तो नहीं चल रही है बहन बेटियों के विरुद्ध कुछ मजहबी उन्मादियों की ?

यदि घटना मात्र एक बल्लभगढ़ तक सीमित होती तो शायद इस को महज एक संयोग समझा जा सकता था लेकिन जब ठीक वही सब धर्म नगरी तक कहे जाने वाले अयोध्या और देवभूमि उत्तराखंड में दोहराया जाए और उसी के साथ ठीक वैसे ही घटनाएं हापुड़ जैसे छोटे शहरों से भी निकल कर सामने आने लगे तब सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या कहीं बहुत गड़बड़ तो नहीं चल रहा है?

एक सामान्य अपराध व एक सोची समझी रणनीति पर काम करना दोनों अलग-अलग बातें होती है। सामान्य अपराध किसी लालच या किसी क्षणिक आवेश में किया जाता है लेकिन जो कुछ भी हो रहा है यह ना तो क्षणिक आवेश लग रहा है और ना ही सामान्य श्रृंखला।

ये अपराध की घटना बिलकुल नहीं है, ये मजहबी उन्माद और जिहाद की घटना है, सेकुलरिज्म के चक्कर में इस तरह की आतंकवाद की घटना को मात्र अपराध की घटना बनाकर पेश कर दिया जाता है, हरियाणा के फरीदाबाद में हाल ही में निकिता तोमर नाम की एक हिन्दू लड़की को मौत के घाट उतारा गया वो भी सरेआम बीच सड़क पर ।

अब दिल्ली NCR के ठीक पड़ोस में पड़ने वाले  उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक बेटी को दिन दहाड़े दुस्साहसिक रूप से उठाने की कोशिश हुई है. ये तो बेटी की किस्मत अच्छी थी जो वो बच गयी ।

यह मामला हापुड़ जिले के थाना पिलखुवा का है  जहां पर  बेटी के पिता ने तहरीर देते हुए बताया कि  उनकी बेटी  कोचिंग से लौट रही थी तब  चंडी मंदिर रेलवे फाटक के पास  शाहरुख ने उनकी बेटी का  अपहरण करने का प्रयास किया और  जब  वह इसमें नाकाम रहा तो  उसने लोहे की रॉड निकालकर  जान से मार डालने की नीयत से हमला किया ..

यहां खास बात यह है कि इस मामले में आरोपी शाहरुख लोगों को भ्रमित करने के लिए अपने नाम को गुज्जर बताया करता था जिससे स्थानीय कुछ लोगों को उसके हिंदू होने का शक हुआ करता था।

 जब वह अपने कुकृत्य  में  असफल रहा और लड़की ने शोर मचाया तब मौके से भाग गया। पुलिस ने तहरीर प्राप्त होते ही तुरंत ताबड़तोड़ दबिश शुरू की ओर हापुड़ के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में कठोर से भी कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए । इसी क्रम में क्षेत्राधिकारी पिलखवा ने एक टीम का गठन किया और आखिरकार पुलिस को सफलता मिल ही गई और शाहरुख अब गिरफ्तार कर लिया गया है।

हापुड़ पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार आरोपी शाहरुख को मुकदमा अपराध संख्या - 489 / 2020 के अंतर्गत धारा 354 क, 307 व 7 / 8 पॉस्को एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है जिसको गिरफ्तार करने में सब इंस्पेक्टर शिवकुमार, कांस्टेबल ईसम सिंह, कांस्टेबल अंकित शर्मा , कांस्टेबल शिवकुमार व कांस्टेबल सुमित आदि प्रमुख रहे..

इस मामले में खुद हापुड़ पुलिस ने ट्वीट कर बताया है की उन्होंने "मुख्य आरोपी" शाहरुख़ को गिरफ्तार किया है .. फिलहाल सुरेश चव्हाणके जी द्वारा ऐसी ही घटनाओं के विरोध में आगामी एक नवंबर को शाम 5:00 बजे जनता मार्च का आह्वान किया गया है जिसमें देश भर के सभी नारी का सम्मान करने वालों से सहयोग की अपेक्षा है।

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