भारत की प्रचीन शिक्षा, कला, संस्कृति दुनियांभर में प्रसिद्ध है। आज भी कई देश भारतीय संस्कृति, सभ्यता को अपनाने का प्रयास कर रहें हैं। इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीनट्यूट ऑफ ओपन स्कू लिंग (NIOS) ने बड़ा फैंसला लिया है। जिसके अनुसार अब मदरसों में भी गीता, रामायण और योग की शिक्षा दी जाएगी।
दरअसल नेशनल इंस्टीयट्यूट ऑफ ओपन स्कूशलिंग यानी निओस प्राचीन भारतीय ज्ञान और परंपरा को लेकर 100 मदरसों में नया पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। एनआईओएस ने प्राचीन भारत के ज्ञान के संबंध में करीब 15 कोर्स तैयार किए हैं। इनमें वेद, योग, विज्ञान, संस्कृलत भाषा, रामायण, गीता समेत अन्यं चीजें शामिल हैं। यह सभी कोर्स कक्षा 3, 5 और 8 की प्रारंभिक शिक्षा के समान हैं।
एक मीड़िया रिपोर्ट के अनुसार NIOS के चेयरमैन सरोज शर्मा ने इस कार्यक्रम को भविष्य में 100 से बढ़ाकर 500 मदरसों तक पहुचाने विचार किया जा रहा है। वहीं केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने NIOS के केंद्रीय मुख्यामलय में स्टयडी मैटिरियल जारी करते हुए कहा कि, 'भारत प्राचीन भाषाओं, विज्ञान, कला, संस्कृेति और परंपरा की खान है। अब देश अपनी प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करके ज्ञान के क्षेत्र में सुपरपावर बनने को तैयार है। हम इन कोर्स के लाभ को मदरसों और विश्वी में मौजूद भारतीय समाज तक पहुंचाएंगे।
बता दें कि भारत में प्रचीन समय में से ही शिक्षा, योग, संस्कृत को बढ़ावा दिया गया है। पर वांमपंथी और आक्रमणकारीयों ने इस सब को नष्ट कर दिया था। पर फिर एक बार इसको बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बार फिर से वांमपंथीयों और विशेष धर्म के ठेकेदारों का दर्द बढ़ सकता है।