इस वक्त हिंदी फिल्मों का सबसे बड़ा केंद्र मुम्बई है। जिसे पूरी दुनिया बॉलीवुड के नाम से जानती है। लेकिन वह दिन दूर नहीं जब यूपी के नोयडा में हिंदी फिल्म उद्योग का सबसे बड़ा केंद्र होगा। क्योंकि योगी सरकार इस सपने को साकार करने के लिए कमर कस चुकी है।
फिल्मकार मनोज मुंतशिर ने कुछ दिन पूर्व हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी बनाए जाने की जोरदार मांग उठाई थी। मनोज ने कहा था कि तमिल फिल्म इंडस्ट्री चेन्नई में, मलयाली फिल्म इंडस्ट्री केरल में, बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री कोलकाता में है। फिर क्यों हिंदी फिल्म इंडस्ट्री गैर- हिंदी भाषी राज्य महाराष्ट्र में है। मनोज मुंतशिर ने हिंदी भाषी राज्यों में फिल्म सिटी न होने पर दुख जताते हुए सरकारों से इस ओर ध्यान देने की मांग की थी। उनके बाद कलाकार मालिनी अवस्थी ने भी इस मुद्दे को आगे बढ़ाया था और सीएम योगी से इस ओर कदम बढ़ाने की अपील की थी। जिसके बाद सीएम योगी ने शुक्रवार की बैठक में यूपी में फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की थी।
इस प्रोजेक्ट पर अब काम भी शुरू हो चुका है। योगी सरकार ने इस फिल्म सिटी के लिए 1000 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। यमुना एक्सप्रेस वे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं ओद्योगिक विभाग को पत्र लिखकर फिल्म सिटी के लिए उपलब्ध भूमि की जानकारी दी है। इस पत्र में फिल्म सिटी के लिए यमुना एक्सप्रेस वे ओद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर - 21 में ओद्योगिक भूखंडों के लिए 780 एकड़ और व्यावसायिक भूखंड के लिए 220 एकड़ यानि कुल 1000 एकड़ भूमि उपलब्ध होने की जानकारी दी गई है।
फिल्मकार मधुर भंडारकर ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने गौतमबुद्ध नगर जिले (नोयडा) में देश के 'सबसे बड़े और सबसे खूबसूरत फिल्म सिटी' के बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने फिल्म निर्माता को भेंट स्वरूप एक सिक्का दिया, जिसमें भगवान राम की तस्वीर उकेरी गई थी और इसके साथ ही रामचरितमानस की एक प्रति, तुलसी के बीजों की एक माला व एक भव्य कुंभ कॉफी टेबल भी दी। जिसे पिछले साल प्रयागराज में आयोजित किया गया था। सरकार की तरफ से एक प्रवक्ता के मुताबिक, भंडारकर ने मुख्यमंत्री को फिल्म सिटी की योजना के लिए बधाई दी और फिल्म बिरादरी से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।