भारत, मध्यप्रदेश
इंदौर
नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होंगे। कोरोना के चलते आयोजक पहली बार गरबे और भंडारे जैसे आयोजन नहीं करेंगे। इस बार गुजरात से कलाकारों को भी नहीं बुलाया गया है। कार्यक्रम में केवल उन्हीं लोगों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार की शिकायत नहीं होगी। बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। आयोजन स्थल पर सैनिटाइजेशन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाएगा।
शहर में हर साल करीब 50-55 करोड़ की नवरात्रि होती है, पर इस बार कोरोना के कारण दुर्गोत्सव उस भव्यता से नहीं मनाया जाएगा, जिसके लिए इंदौर मशहूर है। मध्यभारत में इंदौर ही वह शहर है, जहां करीब 265 मंडल गरबोत्सव कराते हैं और लाखों लोग माता की भक्ति करते हैं। गरबोत्सव नहीं होने का असर शहर के लाखों लोगों के उत्साह के साथ उन पर भी पड़ेगा, जिनके रोजगार-व्यापार नौ दिनों के इस उत्सव में बढ़िया कमाई कर लेते हैं। संगीत कलाकार, किराए की गरबा पोशाकों के व्यापारी, मंच बनाने वाले, पंडाल सजाने वाले, साउंड सिस्टम लगाने वाले, ऑटो-कैब सर्विस, खाने-पीने के, खिलौनों-गुब्बारों के खोमचे लगाने वाले भी प्रभावित होंगे।