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कोरोना के कारण ऑनलाइन क्लासेस पर और दिया जाएगा जोर, बिना इंटरनेट भी एप से ऐसे सीखेंगे बच्चे, 15 अगस्त को होगी लांचिंग

इस एप को इंटरनेट के जरिए कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी डाउनलोड कर सकेंगे और इसे कभी भी बिना इंटरनेट के ऑफलाईन देख सकेंगे। इस एण्ड्रॉयड एप को 15 अगस्त तक लांच किया जाना प्रस्तावित है।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़
  • Jul 23 2020 9:58PM
छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक एन्ड्रॉयड एप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी प्रकार की पाठ्य सामग्री उपलब्ध होगी। इस एप को इंटरनेट के जरिए कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी डाउनलोड कर सकेंगे और इसे कभी भी बिना इंटरनेट के ऑफलाईन देख सकेंगे। इस एण्ड्रॉयड एप को 15 अगस्त तक लांच किया जाना प्रस्तावित है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने यह जानकारी आज यूनीसेफ द्वारा आयोजित ‘डिजिटल टाऊनहॉल फॉर चिल्ड्रन‘ विषय पर आयोजित वेबीनार में दी। वेबीनार में पूर्व आईएएस एवं लैंग्वेज एण्ड लर्निंग फाउन्डेशन के संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशक डॉ. धीर झींगरण और यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख क्षेत्राधिकारी जॉब जकारिया भी शामिल हुए।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि ‘पढ़ई तुहंर दुआर‘ ऑनलाईन शिक्षा ही नहीं बल्कि बच्चों के द्वार तक शिक्षा पहुंचाने का एक माध्यम है। शिक्षा को बच्चों के द्वार तक पहुंचाने के लिए कई प्रकार के माध्यम हो सकते है। इस पर कार्य भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि राज्य स्तर से ही योजना तैयार हो, बल्कि शिक्षकों ने भी अच्छी-अच्छी योजना बनायी है, उसे राज्य में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरूआत हुई तब सबके मन में एक ही तरीका सामने आया कि सीखने की प्रक्रिया को बरकरार रखने के लिए ऑनलाईन क्लास ही सबसे सशक्त माध्यम होगा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इसी वजह से सीजीस्कूलडॉटइन नामक पोर्टल बनाया गया, जिसके माध्यम से बच्चों की पढ़ाई प्रारंभ की जा सके। राज्य के पहुंचविहीन क्षेत्रों में जहां इंटरनेट की समस्या है, जिनके पास मोबाइल नहीं है, उनके लिए दूसरे विकल्पों पर भी कार्य प्रारंभ किया गया है।

डॉ. शुक्ला ने कहा कि दूरस्थ अंचल और आदिवासी क्षेत्रों में काम करने वाले शिक्षकों ने अलग-अलग तरीके अपनाए, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें सहयोग और समर्थन देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर बहुत से शिक्षक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। डॉ. शुक्ला ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि हमें सबसे पहले ऑनलाईन पोर्टल को विस्तार दिए जाने की अवश्यकता है, ताकि उसमें सब प्रकार की पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी जा सके। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक एन्ड्रॉयड एप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी प्रकार की पाठ्य सामग्री उपलब्ध होगी। इस एप को इंटरनेट के जरिए कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी डाउनलोड कर सकेंगे और इसे कभी भी बिना इंटरनेट के ऑफलाईन देख सकेंगे। दूसरा बस्तर में एक पत्रकार के आईडिया पर काम करना शुरू किया है, जिसका नाम है ‘बुलटू रेडियो‘ अर्थात ब्लूटूथ के जरिए ऑडियो फाइल को ट्रांसफर करना। शिक्षा के अलावा अन्य जन जागरण के लिए उनके द्वारा हॉट बाजार में जहां भी किसी के पास इंटरनेट नहीं होता, उन्हें ब्लूटूथ के माध्यम से फाइल ट्रांसफर किया जाता है और जब आवश्यकता हो उस पाठ्य सामग्री को देख लेते है। इस प्रयोग को काफी सफलता मिल रही है।

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