भले हीमहाराष्ट्र सरकार अपनेगृहमंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आगे करके बार बार ये बयानदे रही हो कि पालघर में बेरहमी से मार डाले गये साधुओं के हत्याकांडमें कोई भीधार्मिक एंगल नहीं है लेकिन आखिरकार परतें खुलते हुए ये सामने आने लगाहै कि इसपूरे मामले में कहीं न कहीं कुछ न कुछ बड़ा जरूर है जिसको महाराष्ट्र कीपुलिस औरमहाराष्ट्र की सरकार दबाना चाह रही है. हिन्दू संत दौड़ा दौड़ा कर सडको परमार डालेजाते हैं उसके बाद भी इसमें हिन्दू या हिंदुत्व की बात न करने का उद्धवठाकरेसरकार का दबाव भी कई लोगों की समझ से कहीं न कहीं बाहर है. फिलहाल अब जोखुलासा होरहा है उसके बाद हर कोई उद्धव सरकार से ही सवाल जवाब करेगा कि क्या सचमें इस पूरेमामले में कोई धार्मिक एंगल नहीं है ?
ध्यान देनेयोग्य है कि पालघरमें साधुओं के न्रिशंश हत्याकांड को पहले तो जानबूझ कर दबा देनेका प्रयास कियागया. इसके लिए सरकारी मशीनरी से ले कर महाराष्ट्र शासन तक सवालों केघेरे में हैजिसने मुकदमा भी तत्काल नहीं दर्ज किया.. साधुओ को पुलिस चौकी से निकालकर भीड़ केहवाले कर देने से ले कर उसमे FIR तक कीलापरवाही कहीं न कहें बड़ा सवाल खड़ा कर रहीहै. ऐसे में जब सुदर्शन न्यूज़ ने लगातारइस मामले को देश और दुनिया के आगे रखा तबजा कर सरकार की नींद खुली और अब तक इसमें100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार करने कीबात मुख्यमंत्री और गृहमंत्री द्वारा कहीजा रही है.
लेकिन तभी अचानक ही इस मामलेमें एक नया मोड़ आया है और गिरफ्तारउन सभी साधुओं के हत्यारों के बचाव में अदालतमें एक ईसाई समूह खड़ा हो गया है. इसमामले में गिरफ्तार इन सभी हत्यारों के लिएकोर्ट में प्रदीप देशभक्त नाम रख कर हिन्दुओके बीच जाने वाला Peter D' Mello खड़ा होगया है और उसने इन सभी को जल्द से जल्द छुडाने के लिए अभियान छेड़दिया है. Peter D' Mello असलमें एक ईसाई पादरी है जो महाराष्ट्र में एक NGO चलाताहै . इसकी पत्नी पारसी है.प्रदीप से पीटर बना साधुओं के हत्यारों का ये पैरोकारआगे चल कर ईसाई बन गया थाजिसके हिन्दू नाम से किसी को शक नहीं होता था. फिलहालईसाइयोंका ये समूह अब साधुओ के हत्यारों को जेल से मुक्त करवाने का अभियानचलायेगा जिसनेसभी कानूनी तैयारियां पूरी करनी भी शुरू कर दिया है.