कोई मंच से जा रहा था फिल्मी गाने , तो कोई सुना रहा था कव्वाली , कोई जोर जोर से चिल्ला रहा था या अली और हाय हुसैन और कोई अजान के चलते रोक रहा था कथा। यह सब कुछ किसी राजनेता के मंच से नहीं बल्कि पवित्र धार्मिक भागवत कथा के मंचों से हो रहा था जिसके बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि जब भागवत कथा चलती है तब देवी और देवता भी वहां आकर उसका श्रवण करते हैं। लेकिन इन कथाओं में ऐसा क्या था जो इसका कोई श्रवण करें ? इस पर जब संत समाज आक्रोशित हुआ तब सुरेश चव्हाणके जी ने इस पूरे मामले का पर्दाफाश करने का निश्चय किया और पहली बार भारत के इतिहास में आयोजित करने जा रहे हैं बिंदास बोल की ऐसी श्रृंखला जो सामने लाएगी ऐसे तमाम चेहरों को जिन्होंने सिर्फ चेहरे पर ही नहीं बल्कि पूरे शरीर में धारण कर रखा है भगवा रंग का वस्त्र.
नात शरीफ संत समाज की बल्कि आम जनता की भी उम्मीद आखिरकार सुदर्शन न्यूज़ पर टिकी थी और उस उम्मीद पर शत-प्रतिशत खरा उतरने के लिए सुरेश जी ने अपने कदम आखिरकार आगे बढ़ाएं। कल एक प्रोमो जारी करते हुए उन्होंने ऐलान किया कि आने वाले शुक्रवार से रात 8:00 बजे विशेष बिंदास बोल में एक-एक करके ऐसे तमाम लोगों के चेहरे देश दुनिया के सामने लाएंगे जो अपने नाम में देवी संत कथावाचक इत्यादि तो लगाते हैं लेकिन उनके कर्म सीधे-सीधे किसी मौलवी या मौलाना से कम किसी हालत में नहीं है। देखते ही देखते यह वीडियो और यह प्रोमो सोशल मीडिया में बुरी तरह वायरल हो गया और हर किसी को आने वाले शुक्रवार की बेसब्री से प्रतीक्षा शुरू हो गई।। अब हर कोई है देखना और समझना चाहता है कि आखिर वह कौन है जो हिंदुओं के वेश में ही हिंदुओं को गुमराह कर रहा है और इसके लिए वह प्रयोग कर रहा है श्री राम कथा वा भागवत कथा जैसे पवित्र मंच।
धर्म के नाम पर जिस प्रकार से मजहबी सांप्रदायिकता पवित्र मंचों से से फैलाई जा रही है, उस पर अब स्वयं धार्मिक लोगों के विरोध के स्वर मुखर होते जा रहे हैं। यह मुखरता सीधे-सीधे अब चुनौती देने तक के स्तर पर आ गई है । पवित्र भागवत कथा मंचों से अन्य मजहब की तारीफ पर आम जनता के साथ-साथ संत समाज भी उबल पड़ा है और भगवा वस्त्र धारण करने वाला हर वर्ग अब व्यासपीठ की गरिमा बचाए रखने के लिए लामबंद होता दिखाई दे रहा है । सुरेश चौहान जी ने इस पवित्र अभियान के लिए देश और दुनिया के सभी सत मार्गी संतों का आशीर्वाद मांगा है और उनका साथ हुआ सहयोग की इच्छा जताई है।