इनपुट-वैष्णवी श्रीवास्तव, लखनऊ
ताज नगरी आगरा नगर निगम का चुनाव प्रथम चरण में 4 मई को होना है.सभी दलों के प्रत्याशी अपनी अपनी जीत के दावे करते हुए जोर शोर से प्रचार कर रहे हैं. आगरा नगर निगम की चर्चा की जाय तो यह 1989 से भाजपा का मजबूत किला रहा है.1989 में r.k. लवानिया से लेकर बेबी रानी मौर्य और 2017 में नवीन जैन तक यह विजय अभियान जारी है.
राज्य में बसपा और सपा के शासन काल में भी यह किला बसपा और सपा के लिए अभेद ही रहा है. भाजपा ने आगरा ग्रामीण की पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर को मेयर पद का प्रत्याशी घोषित किया है. सपा ने जूही प्रकाश को अपना प्रत्याशी बनाया है. पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही बसपा ने लता वाल्मीकि को अपना प्रत्याशी बनाया है.कांग्रेस ने लता कुमारी को मैदान में उतारा है. पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने सुनीता देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है.
भाजपा की मजबूती का अंदाजा पिछले चुनाव परिणामों से लगाया जा सकता है जब भाजपा के नवीन जैन ने 74000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी और पार्टी 100 में से 52 निगम पार्षद भी जिताने में सफल रही थी.फिर भी सभी विरोधी प्रत्याशी अपने अपने जातिगत आंकड़े और ऐंटी इंकाॅम्वेन्सि के आधार पर अपनी अपनी जीत के दावों के साथ मैदान में डटे हुए हैं.
आगरा नगर निगम चुनाव में बदलते भारत की तस्वीर की झलक भी देखने को मिल रही है. हालांकि यह sc महिला सीट है लेकिन हेमलता दिवाकर (भाजपा) b. a. bed, जूही प्रकाश (सपा)m.b.a., लता वाल्मीकि(बसपा) m. a. ph. d., लता कुमारी (कांग्रेस) m. a. b.ed. और सुनीता देवी (आप) m. a. पत्रकारिता जैसी उच्च शिक्षित महिलायें भारत का एक शुभ संकेत है।
आगरा की 80.6 प्रतिशत आबादी हिंदू के रूप में पहचान रखती है। जो कि अपने वोट बाजपा को दे सकती है ।आगरा की आबादी का लगभग 15.37 प्रतिशत मुस्लिम है, जो की अभी असमंजस की स्थिति में है की उनका वोट किसे जाना चाहिए । नगर निकाय चुनाव में सफ़ाई अभियान, बिजली में जीरो कटौती, पानी, सड़क व सड़क के गढ्ढों मैं सुधार, नाली की साफ़ सफ़ाई व सफ़ाई अभियान के मुद्दे भी चर्चा में है ।