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आगे आकर दुनिया का नेतृत्व कर रहा नया भारत... 2 से 18 साल के बच्चों को लगाई जाएगी Covaxin

कोरोना वायरस के खिलाफ क्लीनिकल ट्रायल में कोवैक्सिन करीब 78 फीसदी कारगर साबित हुआ। देश में कोवैक्सिन का परीक्षण तीन आयु समूहों पर किया गया था। पहले समूह की जांच 12-18 वर्ष के बीच, दूसरे समूह की 6-12 वर्ष के बीच और तीसरे समूह की 2-6 वर्ष के बीच की गई थी।

Prem Kashyap Mishra
  • Oct 12 2021 2:20PM

देश में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है अब इसके तहत 2 - 18 साल के बच्चों को भारत में वैक्सीन लगाई जाएगी। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जहाँ बच्चों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन कार्यक्रम में लगातार रिकॉर्ड बना रहा भारत अब फिर से नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। बच्चों की कोरोना वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी मिल गई है, जिसके साथ ही अब देश में 2 से 18 उम्र के बच्चों को भारत बायोटेक की कोवैक्‍सिन का टीका लगाया जा सकेगा। इससे पहले, टीका 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दिया जाता था। 

कोरोना वायरस के खिलाफ क्लीनिकल ट्रायल में कोवैक्सिन करीब 78 फीसदी कारगर साबित हुआ। देश में कोवैक्सिन का परीक्षण तीन आयु समूहों पर किया गया था। पहले समूह की जांच 12-18 वर्ष के बीच, दूसरे समूह की 6-12 वर्ष के बीच और तीसरे समूह की 2-6 वर्ष के बीच की गई थी।  एएनआई ने ट्वीट कर बताया कि विषय विशेषज्ञ समिति  ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को 2-18 साल के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के उपयोग की सिफारिश की है।

डॉ राय बच्चों पर कोवैक्सिन परीक्षणों के प्रमुख थे। उन्‍होंने कहा, ''सबसे पहले हमने 12 से 18 वर्ष की आयु के लोगों की और फिर बाद में अन्य समूहों का परीक्षा समाप्त किया।'' डॉक्टर ने कहा, ''कोवैक्सिन की वैक्सीन सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता लगभग समान है। विश्व स्तर पर यह देखा गया है कि बच्चों में सार्स-कोविड-2 घातक नहीं है।''  इससे पहले भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि उसने 2 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में अपने कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण डेटा भारत के दवा नियामक को सौंप दिया है, जो बहुत छोटे बच्चों में अपने शॉट का परीक्षण करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है। 

भारत कोरोना वायरस के खिलाफ बच्चों का टीकाकरण करने की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। पहले से ही लगभग 1.4 बिलियन की आबादी के बीच वयस्कों को 960 मिलियन से अधिक खुराक दी जा चुकी है।  भारत के दवा नियामक ने पिछले महीने वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट को अमेरिकी दवा निर्माता नोवावैक्स के कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के लिए 7 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को नामांकित करने की अनुमति दी थी।

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