कल तक पंजाब की राजनीति को अपनी उँगलियों पर नचाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे पहुँच ही गए। पिछले कल यानि 20 मई को उन्हें पटियाला की सेन्ट्रल जेल भेजा गया है।
1988 के रोडरेज गैरइरादतन हाथ काण्ड में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 साल की सजा सुनाई है। नवजोत सिद्धू अब कैदी नंबर 241383 बन गए हैं। जेल के अंदर जाने के बाद उन्हें यह कैदी नंबर अलॉट हुआ है। सिद्धू ने कल शाम को पटियाला सेशन कोर्ट में सरेंडर किया था। वहां मेडिकल करवाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
कैदी नंबर अलॉट कर बैरक नंबर 10 में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां उन्हें हत्या में सजा काट रहे 8 कैदियों के साथ रखा गया है। बैरक में सिद्धू को सीमेंट से बने थड़े पर सोना होगा। सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 34 वर्ष पुराने मामले में एक साल बामशक्कत कैद की सजा सुनाई है।
सिद्धू को कल शाम सवा 7 बजे जेल मैनुअल के मुताबिक दाल-रोटी दी गई। हालांकि उन्होंने सेहत का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ सलाद और फ्रूट ही खाया। वहीं सिद्धू के कट्टर विरोधी बिक्रम मजीठिया की बैरक सिद्धू से 500 मीटर दूर है।
जेल प्रशासन ने सिद्धू से कहा कि वे कोई भी 5 नंबर दे सकते हैं। जेल में बंद कैदी को जेल प्रशासन ने फोन करने की सुविधा दे रखी है। कैदी उन्हीं को फोन कर सकता है, जिनके नंबर वह जेल प्रशासन को देता है। दिए गए नंबरों के अलावा किसी भी अन्य नंबर काल करने की सुविधा नहीं होती। क्योंकि वही नंबर रिकॉर्ड में रखे जाते हैं।