मां रेवा ने जो प्रदेश को दिया है उसका ऋण हम कभी नहीं चुका सकते लेकिन जिस तरह नर्मदा के आंचल को मैला करने का काम हो या उसके हरित आँचल को नोचने का अमरकंटक से सम्पूर्ण नर्मदा पथ हरित क्षेत्र में दबंग, पूंजीपतियों माफियों द्वारा किया जा रहा है उसे देखकर प्रशासन चुप्पी साधे हैं। नर्मदा के अस्तित्व को बचाने नर्मदा पुत्र समर्थ सदगुरु समर्थ भैया जी सरकार द्वारा लगातार सत्याग्रह जारी है।पूरे मामले में प्रशासन की चुप्पी संदेह पैदा कर रही है जिसे लेकर शहर के हर क्षेत्र में विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं। गुरुवार को जबलपुर जिले में पश्चिम, केंट, उत्तरमध्य, पूर्व क्षेत्र में एवं बरगी, पनागर, पाटन, बरेला में नर्मदा गौ भक्त सैंकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर तहसील कार्यालय पहुंचकर सीएम के नाम ज्ञापन दिया और कार्रवाई की मांग रखी।
संत ने किया है अन्न का परित्याग :
गौरतलब है कि धर्म संविधान न्यायपालिका के आदेशों नीतियों के विरुद्ध चल रहे कार्यों व सत्याग्रह की सात सूत्रीय मांगों को लेकर अन्न का परित्याग कर बैठे समर्थ सदगुरु भैयाजी सरकार के स्वास्थ्य में लगातार आ रही कमी से आज पुन: प्रशासन को बोध कराने जिले के अनेक स्थानों मुख्यालयों में एकत्रित होकर ज्ञापन के साथ संदेश दिया। नर्मदा गौ सत्याग्रह जन जागरण जन आंदोलन समिति से जुड़े अनेक संगठन संस्थाओं के सदस्यों एवं नर्मदा गौ भक्तों ने जबलपुर जिले की सभी तहसील मुख्यालयों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
कोर्ट के आदेशों की हो रही अवहेलना
अमरकंटक से सम्पूर्ण नर्मदा पथ हरित क्षेत्र में दबंग पूंजीपतीयों माफियों द्वारा चल रहे अंधाधुंध अवैध निर्माण अतिक्रमण खनन भंडारण को लेकर प्रशासन की लापरवाही अनदेखी उदासीनता स्पष्ट दिखाई दे रही है साथ ही मौके स्थल पर अवैध निर्माण खुदाई भंडारण देखने के बावजूद शासन प्रशासन ना ही कोई ठोस कार्यवाही कर पा रहा है न ही पूर्ण प्रतिबंध लगा पा रहा है लगातार उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी अवहेलना होने से जन आक्रोश बड़ी तीव्रता से फैलकर उग्र आंदोलन की ओर बढ़ रहा है।
ये हैं सात सूत्रीय मांगे
1) मां नर्मदा तट एच.एफ.एल.से 300 मीटर तक के हरित क्षेत्र को मान. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सीमांकन कर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल संरक्षित किया जाए।
2) मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देकर ठोस नीति व कानून बनाए।
3) दबंग,भू-खनन माफिया पूंजीपतियों द्वारा लगातार हो रहे हरित क्षेत्र में अवैध निर्माण,अतिक्रमण भंडारण,खनन तत्काल प्रतिबंधित कर अवैध साधन संसाधन भंडारण सामग्री को तत्काल राजसात किया जाए।
4) अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण अतिक्रमण खनन पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाए।
5) मां नर्मदा के जल में मिल रहे गंदे नालों विषैले रासायनों को बंद करने व अपशिष्ट द्रव्य पदार्थों के प्रबंधन हेतु प्रभावी ठोस कार्ययोजना लागू की जाए।
6) बेसहारा गौ वंश के लिए आरक्षित नगरीय निकायों की गौचर भूमि को संरक्षित किया जाए एवं अवैध अतिक्रमण निर्माण कब्जा से मुक्त कराया जाए।
7) मां नर्मदा पथ के तटवर्ती गांव नगरों को जैव विविधता क्षेत्र घोषित कर समग्र गौनीति-गौ अभ्यारण सुनिश्चित किए जाएं।
शहर के हर हिस्से से उठे स्वर
उत्तर मध्य क्षेत्र में रविकरण साहू, अखिलेश दीक्षित।
पश्चिम क्षेत्र में संजू डेलन, संजय नाहटकर,सौरभ तिवारी,अरविंद दुबे,रामरतन यादव।
केंट में शिव यादव, राजेश यादव, रविन्द्र कुशवाहा, कमलेश सिंह।
पाटन में छोटे राव साहब, सुजीत सिंह, शुभम, विवेक बबेले।
पनागर में भारत सिंह यादव, संदीप सौंधिया, बंटी पटेल।
बरगी में नानू परिहार,आरती साहू।
बरेला में संजय पटेल सहीत हर क्षेत्र में ज्ञापन देने वाले सैकड़ों नर्मदा भक्त शामिल हुए।