देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से लॉक डाउन को 3 मई तब बढाने का संदेश दिया है. राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वो देशवासियों के धैर्य की सराहना करते हैं लेकिन अभी कोरोना Corona के खिलाफ लड़ाई लंबी है.. जानिए उनके संबोधन के मुख्य अंश-जब हमारे यहां कोरोना वायरस के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया.
देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक, कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा. आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है। हमारे भारतवर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं, आपको कितनी दिक्कते आई हैं.. किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी, कोई घर-परिवार से दूर है: आज भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है। करीब एक महीने पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में तकरीबन भारत के बराबर थे। आज उन देशों में कोरोना के केस भारत के मुकाबले 25-30 प्रतिशत ज्यादा हैं। वहां कई लोगों की मृत्यु हो गई है..
आगे उन्होंने अपना संदेश जारी रखा और कहा कि आप देश की खातिर, एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं आप सभी को आदरपूर्वक नमन करता हूं।हमारे संविधान में जिस We the People of India की शक्ति की बात कही गई है, वो यही तो है.. इस मौके पर उन्होंने भीमराव अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि भी दी और कहा कि बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है.. आगे जोड़ते हुए वो बोले कि आज विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे भली-भांति जानते हैं।अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी रहे हैं..