उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल होने शुरू हो गए हैं। वैसे तो कैराना का चुनाव हर बार दिलचस्प ही रहता है यहा नाहिद हसन का दबदबा हमेशा कायम रहता है। कहा जाता है कि नाहिद हसन वो नेता है जिसे अपने प्रचार प्रसार की जरुरत नहीं है। वो अपने वोटरों मे एक अलग पकड़ रखते हैं। वो अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं इन्हीं विवादित बयानों के कारण वो अपने वोटरों के बीच हमेशा रहते हैं। जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं सोशल मीडिया पर उन के विवादित बयानों की वीडियो खूब वायरल होने लगती हैं। योगी सरकार मे नाहिद हसन पर दर्जनों मुकदमे लिखे गए हैं। यहा तक की उन पर गैंगस्टर की कार्यवाही भी की गई है जिस मे वो अभी तक फरार चल रहे हैं। इसके बावजूद भी नाहिद हसन ने चुनाव में ताल ठोक दी है उन्होंने सपा के चुनाव चिन्ह के साथ अपना नामांकन अपने प्रस्तावकों द्वारा दाखिल करा दिया है।
पर अब सवाल वही आता है कि कहीं नाहिद हसन कैराना के बाहुबली तो नहीं बनने जा रहे। ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि नाहिद हसन को क्षेत्र में आने के लिए पहले गिरफ्तारी देनी होगी या फिर फरारी मे ही चुनाव लडना होगा। इन दोनों ही स्थितियों में नाहिद हसन को कैराना का बाहुबली कहना ग़लत नहीं होगा। अगर इन दोनों ही पस्थितियों में नाहिद हसन चुनाव लड़ते हैं तो वो शामली के बाहुबली बन कर उभरेंगे जो यहा के इतिहास मे दर्ज होगा।
अगर इन दोनों पस्थितियों में नाहिद हसन चुनाव लड़ते हैं तो क्षेत्र में उन के प्रति सहानुभूति व भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ेगा।जिसका फायदा कही ना कही नाहिद हसन को मिलेगा। इस के बावजूद भी अगर नाहिद हसन कैराना से चुनाव जीत जातें हैं तो उन्हें शामली का बाहुबली कहा जाऐगा और भविष्य में होने वाले चुनाव मे एक ऐसा नेता तैयार हो जाऐगा जो घर बैठे चुनाव जीता करेंगे और भविष्य में कैराना की राजनीति ही बदल जाएगी।
आपको बता दें कि कैराना के नाम से ही प्रदेश में योगी सरकार बनी थी पर कैराना नहीं जीत पाए थे। पिछले 5 सालों में कैराना को मुद्दा बनाकर प्रदेश सरकार ने यहां बहुत काम किए हैं पलायन कर चुके परिवार को वापिस लाना, ऊंचा गांव में पीएससी बटालियन का निर्माण व कैराना के बदमाशों का एनकाउंटर। तो कही ना कही इस बार भाजपा को कैराना से बहुत उम्मीदें हैं और भाजपा हर हाल में कैराना पर फूल खिलाने की कोशिश करेंगी।
भाजपा सरकार में कैराना विधायक नाहिद हसन पर किए गए मुकदमे नाहिद हसन के लिए संजीवनी बन चुके हैं मुकदमे के बावजूद भी नाहिद हसन की लोकप्रियता व वोट बैंक दोनों बढ़ते दिखाई दे रहें हैं। ऐसे में भाजपा का दावा उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है। कैराना क्षेत्र में अगर नाहिद हसन वोट ना भी मांगे तो भी उनके वोट प्रतिशत मे ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला। बल्कि अगर वो वोट मांगने नहीं आए तो लोगों में भाजपा के प्रति नाराजगी ज़रूर बढ़ेगी होगी जिसका फायदा नाहिद हसन को खूब मिलेगा। ऐसे में नाहिद हसन को कैसे रोक पाऐगी भाजपा यह देखने वाली बात होगी। वैसे नाहिद हसन जैसे नेता को हराने के लिए भाजपा को दबंग नेता नाहिद हसन के सामने उतारना होगा।