Nagaland: जानबूझकर सेना ने निशाना नहीं बनाया था नागरिकों को... सामने आया चौंकाने वाला सच
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि ये सुरक्षाबलों पर लगाया गया ये आरोप पुरी तरह से सत्य नहीं है . ये ख़ुफ़िया एजेंसी की नाकामी नहीं थी. बताया जा रहा है कि इंसरजेसी टास्क फोर्स की तरफ से विश्वसनीय इनपुट दिए गए थे कि विद्रोही गुट के लोग किधर जा रहे हैं.
नागालैंड में शनिवार रात एक बड़ी घटना घट गई. दरअसल, नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों ने कुछ आम नागरिकों को उग्रवादी समझकर उनपर गोलियां बरसा दी जिससे उस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई. उस पंद्रह लोगों में एक सिपाही भी अपनी जान गंवा दी. इस विषय पर नागालैंड के सीएम नेफियू रियो ने जांच बैठाने का आदेश दिया जिसमें एक के बाद एक खुलासे हो रहे है. वही, आज संसद में गृह मंत्री अमित शाह से भी इस विषय पर बयान लिया गया जिसमे उन्होंने कहा कि "ऐसी गलती भविष्य में नहीं होगी लेकिन जो हुआ उसके लिए हमें खेद है". बता दें अब इस मामले में चौकाने वाली बात सामने आई है.
दरअसल, सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि ये सुरक्षाबलों पर लगाया गया ये आरोप पुरी तरह से सत्य नहीं है . ये ख़ुफ़िया एजेंसी की नाकामी नहीं थी. बताया जा रहा है कि इंसरजेसी टास्क फोर्स की तरफ से विश्वसनीय इनपुट दिए गए थे कि विद्रोही गुट के लोग किधर जा रहे हैं. बता दें कि नगालैंड के मोन जिले में एक के बाद एक गोलीबारी की तीन घटनाओं में सुरक्षाबलों की गोलियों से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए. पुलिस ने रविवार को बताया कि गोलीबारी की पहली घटना संभवत: गलत पहचान का मामला थी. इसके बाद हुए दंगों में एक सैनिक की भी मौत हो गई.
सूत्रों के मुताबिक, दो एजेंसियों द्वारा खुफिया इनपुट की जांच करना जरूरी है. जिसमें सेना और टास्क फोर्स शामिल हैं. हालांकि, खुफिया सूत्रों ने कहा, कि आखिरी वक्त पर किसी ने विद्रोहियों को सूचना दी थी और वे उस आंदोलन में स्थानीय लोगों की घुसपैठ करने में सफल रहे. सूत्रों के मुताबिक टास्क फोर्स को ये पता नहीं था कि इसमें आम नागरिक जुड़ गए हैं. इतना ही नहीं इस बीच ऑपरेशन की योजना बनाई जा चुकी थी. दावा ये भी किया जा रहा है कि हो सकता है कि ग्रामीणों ने विद्रोहियों को हमले से बचाने की कोशिश की और वे मारे गए. सूत्रों का ये भी कहना है कि ये लोग समय-समय पर नागा का समर्थन करते रहते हैं
वही, सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश देते हुए बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी की मौत हो गई और कई अन्य सैनिक घायल हो गए. इसने कहा कि यह घटना और उसके बाद जो हुआ, वह ‘अत्यंत खेदजनक’ है और लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आईजीपी नगालैंड की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
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