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मुख्य विकास अधिकारी ने किया कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निर्माणाधीन छात्रावास तथा राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण किया

मुख्य विकास अधिकारी ने किया कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निर्माणाधीन छात्रावास तथा राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण किया आज मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निर्माणाधीन छात्रावास का निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह, सहायक अभियन्ता डीआरडीए राजेश कुमार सिंह, सहायक अभियन्ता लोक निर्माण विभाग निर्माण खण्ड-01 राजवीर सिंह व सहायक अभियन्ता यूपी सिडको टीए जाफरी उपस्थित रहे। विद्यालय में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा अविनाश पाण्डेय उपस्थित थे। प्रश्नगत परियोजना लागत 176.58 लाख है, जिससे 100 बेड क्षमता का आवासीय बालिका विद्यालय छात्रावास का निर्माण कराया जाना है, जिसमें प्रथम तल पर व भूतल पर 13-13 नग कक्ष तथा भूतल पर वार्डेन का कक्ष व आफिस किचन, पेन्ट्री, विजीटर रूम, डायनिंग रूम एवं प्रथम तल व भूतल पर दो-दो टायलेट ब्लाक का निर्माण स्वीकृत है।, निरीक्षण के समय पाया गया कि भूतल पर सभी कमरो का छत सहित कार्य पूर्ण हो चुका है, प्लास्टर का कार्य भी पूर्ण हो चुका है, फर्श पर मिट्टी भराई का कार्य प्रगति पर है। प्रथम तल पर चिनाई पूर्ण कर छत डाले जाने हेतु शटरिंग का कार्य मौके पर प्रगति पर पाया गया। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि कमरों की चिनाई में मशाला कहीं अधिक मोटाई में कहीं कम मोटाई में प्रयोग किया गया है। छज्जों में कराया गया आर०सी०सी का कार्य की सरफेश व उसकी धार कोर ठीक नहीं है। इस प्रकार स्पष्ट है कि निर्माण कार्य की वर्कमेनशिप ठीक नहीं है। संबंधित सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता वर्कमैन शिप पर ध्यान दें। मुख्य विकास अधिकारी ने चिनाई में और आर०सी०सी० में पुअर वर्कमैनशिप के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनका स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विकास खण्ड सुरसा के ग्राम कुतुआपुर में निर्माणाधीन राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय क्षेत्रीय आयुर्वेद यूनानी अधिकारी डॉ0 आशा रावत, सहायक अभियन्ता डीआरडीए राजेश कुमार सिंह, सहायक अभियन्ता लोक निर्माण विभाग निर्माण खण्ड-01 राजवीर सिंह, पीएमयूपीपीसीएल शशिकान्त विद्यार्थी साथ में उपस्थित रहेे। इस परियोजना की लागत 14.45 करोड़ रू० है, जिससे 50 बेड का आयुष अस्पताल जी० प्लस-02 का निर्माण किया जाना है नलकूप पानी की टंकी एवं मरीजों के लिए रैम्प आदि का निर्माण कराया जाना है। निरीक्षण के समय पाया गया कि भूतल पर आर०सी०सी० का स्ट्रक्चर, कालम बीम स्लेब सहित पूर्ण है। शटरिंग हटायी जा रही थी शटरिंग में प्रयोग की जा रहीं बल्लियों को जोड़-जोड़ कर बनाया गया है और इस जोड़ में प्रयोग की गयी बल्लियाँ बहुत कमजोर हैं। इस कारण बीम की सरफेश प्रभावित हुई है। इसी प्रकार प्रथम तल पर आर०सी०सी० स्ट्रक्चर हेतु शटरिंग में लकड़ी की बल्ली जोड़-जोड़कर लगायी जा रहा है। इसमें प्रयोग हो रही बल्ली में भी जोड़ी गयी बल्ली बहुत कमजोर किस्म की लगायी गयी हैं। निर्माण कार्य की प्रकृति को देखते हुए इसमें पक्की शटरिंग लोहे की पाईप से तैयार शटरिंग लगायी जानी चाहिए। आर०सी०सी० के कार्य में हनीकॉम को ठीक करने हेतु सीमेन्ट मशाले से मरम्मत की गयी है, जो तकनीकी तौर पर अनुमन्य नहीं है। इस प्रकार के निर्देश मौके उपस्थित कार्यदायी संस्था के अभियंताओं को दिये गये। साथ ही कराये गये आर०सी० कार्य में लापरवाही पूर्वक की गयी शटरिंग व बीम के आर०सी०सी० कार्य में हनीकाम्बिंग व उसकी सीमेन्ट मशाले से मरम्मत के लिए संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के निर्देश दिये गये। ------------------------------

अमित श्रीवास्तव पत्रकार सुदर्शन न्यूज
  • Aug 11 2022 10:48PM
मुख्य विकास अधिकारी ने किया कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निर्माणाधीन छात्रावास तथा राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण किया
08. आज मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निर्माणाधीन छात्रावास का निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह, सहायक अभियन्ता डीआरडीए राजेश कुमार सिंह, सहायक अभियन्ता लोक निर्माण विभाग निर्माण खण्ड-01 राजवीर सिंह व सहायक अभियन्ता यूपी सिडको टीए जाफरी उपस्थित रहे। विद्यालय में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा अविनाश पाण्डेय उपस्थित थे। प्रश्नगत परियोजना लागत 176.58 लाख है, जिससे 100 बेड क्षमता का आवासीय बालिका विद्यालय छात्रावास का निर्माण कराया जाना है, जिसमें प्रथम तल पर व भूतल पर 13-13 नग कक्ष तथा भूतल पर वार्डेन का कक्ष व आफिस किचन, पेन्ट्री, विजीटर रूम, डायनिंग रूम एवं प्रथम तल व भूतल पर दो-दो टायलेट ब्लाक का निर्माण स्वीकृत है।, निरीक्षण के समय पाया गया कि भूतल पर सभी कमरो का छत सहित कार्य पूर्ण हो चुका है, प्लास्टर का कार्य भी पूर्ण हो चुका है, फर्श पर मिट्टी भराई का कार्य प्रगति पर है। प्रथम तल पर चिनाई पूर्ण कर छत डाले जाने हेतु शटरिंग का कार्य मौके पर प्रगति पर पाया गया। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि कमरों की चिनाई में मशाला कहीं अधिक मोटाई में कहीं कम मोटाई में प्रयोग किया गया है। छज्जों में कराया गया आर०सी०सी का कार्य की सरफेश व उसकी धार कोर ठीक नहीं है। इस प्रकार स्पष्ट है कि निर्माण कार्य की वर्कमेनशिप ठीक नहीं है। संबंधित सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता वर्कमैन शिप पर ध्यान दें। मुख्य विकास अधिकारी ने चिनाई में और आर०सी०सी० में पुअर वर्कमैनशिप के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनका स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिये।
इसके साथ ही मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विकास खण्ड सुरसा के ग्राम कुतुआपुर में निर्माणाधीन राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय क्षेत्रीय आयुर्वेद यूनानी अधिकारी डॉ0 आशा रावत, सहायक अभियन्ता डीआरडीए राजेश कुमार सिंह, सहायक अभियन्ता लोक निर्माण विभाग निर्माण खण्ड-01 राजवीर सिंह, पीएमयूपीपीसीएल शशिकान्त विद्यार्थी साथ में उपस्थित रहेे। इस परियोजना की लागत 14.45 करोड़ रू० है, जिससे 50 बेड का आयुष अस्पताल जी० प्लस-02 का निर्माण किया जाना है नलकूप पानी की टंकी एवं मरीजों के लिए रैम्प आदि का निर्माण कराया जाना है। निरीक्षण के समय पाया गया कि भूतल पर आर०सी०सी० का स्ट्रक्चर, कालम बीम स्लेब सहित पूर्ण है। शटरिंग हटायी जा रही थी शटरिंग में प्रयोग की जा रहीं बल्लियों को जोड़-जोड़ कर बनाया गया है और इस जोड़ में प्रयोग की गयी बल्लियाँ बहुत कमजोर हैं। इस कारण बीम की सरफेश प्रभावित हुई है। इसी प्रकार प्रथम तल पर आर०सी०सी० स्ट्रक्चर हेतु शटरिंग में लकड़ी की बल्ली जोड़-जोड़कर लगायी जा रहा है। इसमें प्रयोग हो रही बल्ली में भी जोड़ी गयी बल्ली बहुत कमजोर किस्म की लगायी गयी हैं। निर्माण कार्य की प्रकृति को देखते हुए इसमें पक्की शटरिंग लोहे की पाईप से तैयार शटरिंग लगायी जानी चाहिए। आर०सी०सी० के कार्य में हनीकॉम को ठीक करने हेतु सीमेन्ट मशाले से मरम्मत की गयी है, जो तकनीकी तौर पर अनुमन्य नहीं है। इस प्रकार के निर्देश मौके उपस्थित कार्यदायी संस्था के अभियंताओं को दिये गये। साथ ही कराये गये आर०सी० कार्य में लापरवाही पूर्वक की गयी शटरिंग व बीम के आर०सी०सी० कार्य में हनीकाम्बिंग व उसकी सीमेन्ट मशाले से मरम्मत के लिए संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के निर्देश दिये गये।
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