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श्री राम मंदिर निर्माण में पहले योगदान देने वाले 200 से अधिक रामभक्तों को किया गया सम्मानित

प्रकाश जावड़ेकर बोले इस देश के कण-कण में राम बसे हैं,श्री राम जन्मभूमि का आंदोलन देश के आत्मा की पुकार थी

Namit Tyagi , twitter @NamitTyagi1
  • Jan 24 2021 8:48PM
श्री राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले 200 से अधिक राम भक्तों को आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने श्री राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और सांसद हंसराज हंस उपस्थित थे।

कार्यक्रम में बोलते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछले र्कई दिनों से मेरा यही कार्य चल रहा है और आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप किसी के घर जाइए तो लोग इस धार्मिक कार्य के लिए मना ही नहीं करेंगे। श्री राम मंदिर बनाने के लिए लोग खुशी-खुशी मदद करने को तैयार है। 10 रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक, लोग दे रहे हैं और लोग उससे भी ज्यादा दे रहे हैं। कुछ लोग तो इससे भी ज्यादा देंगे। राम मंदिर जिस योजना के तहत बना है जिसमें पूरा परिवार लगा है। इसलिए जहां कहे वहां जाना चाहिए। हर घर में, हर गली में जाना है। दूसरे के घरों में काम करने वाले भी 500 रुपये तक दे रहे हैं। ऐसा क्यों? क्योंकि इस देश के कण-कण में बसे हुए हैं राम। कैसा योद्धा हो, कैसा राजा हो, कैसा जनता का प्रतिनिधि हो, मर्यादा पुरुषोत्तम, इन सबका उन्होंने एक आदर्श स्थापित किया। इसलिए जब विदेशी आक्रमणकारी बाबर आया तो उसने श्री राम मंदिर ही क्यों तोड़ा? लाखों मंदिर है इस देश में, लेकिन उन्हें भी लगा कि अगर इस देश का प्राण कहीं है तो वह श्री राम मंदिर में हैं। उस मंदिर को ध्वस्त करके एक ढ़ाचा विवादित बनाया गया। वो मस्जिद नहीं थी, क्योंकि जहां इबादत नहीं होती वो मस्जिद नहीं होती है। मैं तो प्रत्यक्ष साक्षी हूं। मैं युवा मोर्चा का काम करता था।

उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को मैं अयोध्या में उपस्थित था। लाखों का संख्या में सेवकों के साथ हम उसी प्रांगण में थे। दूसरे दिन पूरी दुनिया ने देखा कि एक ऐतिहासिक भूल कैसे समाप्त हुई। सुप्रीम कोर्ट के सामने जब यह मामला गया तो कपिल सिब्बल जी कह रहे थे कि 2014 चुनाव के बाद इस पर फैसला होना चाहिए। फिर भी बहस चलती रही, आगे जब 2019 का चुनाव आया तो बोले कि अब इस चुनाव के बाद फैसला होगा, लेकिन फैसला आ गया और जिस दिन फैसला आया उस दिन पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई, आनंद का माहौल बन गया। सर्वे ऑफ इंडिया ने अपने परीक्षण में बताया कि जहां यह मंदिर का निर्माण होना था वहां जो अवशेष मिला है वह एक मंदिर का है। उससे साबित हुआ कि वहां मंदिर था जिसे तोड़ा गया, लेकिन आज मुझे खुशी है कि राम एक मजहब के नहीं हैं, वो पूरे देश के हो गए हैं। इसलिए सभी ने स्वागत किया। खुशी में पटाखे फोड़े गए। श्री राम देश को एक करने वाले हैं। श्री राम देश की एकता के प्रतीक हैं। यह देश का आंदोलन था और आज देश जीता है। श्री राम जन्मभूमि का आंदोलन देश की आत्मा की पुकार थी। आज हर कोई इस धार्मिक कार्य में अपना सहयोग देना चाहता है। लोग अपनी स्वेच्छानुसार इस कार्य में सहयोग दे रहे हैं। कोई मिलता है तो राम-राम कहते हैं और जब कोई जाता है वह भी राम नाम सत्य है कहते हैं, मतलब जन्म से लेकर मरण तक राम ही श्री राम हैं। मलेशिया, इंडोनेशिया से लेकर हर जगह राम ही हैं। यह एक ऐसा मंदिर बनेगा कि सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग भी दर्शन के लिए आएंगे। हम जब पार्टी के प्रचार के लिए जाते हैं तो हमें बताना पड़ता है लेकिन आप श्री राम मंदिर के निर्माण में सहयोग राशि के लिए जाएंगे आपको बताने की कोई जरुरत ही नहीं पड़ेगी। लोग खुद ही आपके पास आएंगे।

प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आए हुए सभी रामभक्तों और कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य बने, ये सिर्फ हमारा ही नहीं बल्कि हमारे पूर्वज भी यही चाहते थे कि भगवान राम का मंदिर अयोध्या में भव्य बने, लेकिन संघर्ष करते-करते कई पीढ़ियां बीत गई। हम खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि आज हमारे समय में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा हो रहा है। राम का नाम लेते ही सभी दुख दूर हो जाते हैं। आज भारत ही नहीं विश्व के अनेक देशों चाहे इंडोनेशिया, मलेशिया, पाकिस्तान या रुस में भी भगवान राम का नाम लिया जाता है। जनचेतना के प्रतीक भगवान राम है। आज 492 साल का संघर्ष पूरा हो रहा है। मैं भी अयोध्या के श्री राम मंदिर बनने के दौरान जेल में गया था। उस समय मेरे साथ 10 से 12 साल के बच्चे तक तैयार थे और नारा लगाते थे कि बच्चा-बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का। जो सपना हमने देखा था आज वह सपना पूरा हो रहा है। यह हिंदू जनमानस के लिए सबसे खुशी की बात है।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायक रावदेश पाण्डेय ने कहा कि 492 साल का संघर्ष 9 नवंबर 2019 को पूरा हो गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 14,000 वर्ग की भूमि रामलल्ला की हो गई। केंद्र सरकार के पहल से 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन हो गया। यह अभियान एक ऐतिहासिक अभियान रहा है। इसके लिए 76 बार लड़ाईयां हो गई और लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने बलिदान दिया है, लेकिन 1984 में विश्व हिंदू परिषद के इसमें शामिल होने के बाद लाखों गांवों के करोड़ों लोग इसमें शामिल हुए। राम जन्मभूमि का आंदोलन अपमान का परिमर्जन है। कोई भी स्वाभिमानी देश, स्वाभिमानी समाज और स्वाभिमानी व्यक्ति अपने समाज, धर्म, संस्कृति और अपने देश पर अन्याय और अपमान सहन नहीं करता। राम जन्मभूमि का आंदोलन उसी का उदाहरण है।

महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कोई एक दिन में नहीं हुआ है। इसके पीछे अनेकों पीढ़ियां लग गई, लेकिन जिन संघर्षों को लेकर, जिस भाव को लेकर यह संघर्ष शुरु हुआ, वह दिन हमारे सामने है। अंडमान से लेकर कश्मीर तक, सोमनाथ से लेकर जगन्नाथ तक, विश्व में या देश में ऐसा कोई कोना नहीं है, जो राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पण या सहयोग न दे। राम मंदिर में मेरी एक ईंट लग जाए, श्री राम मंदिर में मेरी तरफ से सहयोग हो जाए उसमें लगा हुआ है।

इस अवसर पर संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक की प्रांत कार्य समिति के सदस्य दयानंद, भाजपा उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा, राजन तिवारी और महिला मोर्चा अध्यक्ष योगिता सिंह, के एल जे ग्रुप के प्रबंध निदेशक के एल जैन, रोट्री क्लब इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आलोक गुप्ता सहित प्रदेश, जिला और मंडल के पदाधिकारी मौजूद थे।



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