टोक्यो ओलंपिक में भारत की झोली में पहला पदक डालने वाली मीराबाई चानू के रजत पदक के स्वर्ण पदक में बदलने की उम्मीद बढ़ गई है। हम आपको बताएंगे कि कैसे और क्यों ऐसा हो सकता है? दरअसल भारत की मीराबाई चानू ने 202 किलो वजन अपने 4 सफल प्रयासों में उठा कर सिल्वर मैडल हासिल किया था। वहीं चीन की होउ जिहुई ने 210 किलोग्राम उठाकर गोल्ड मैडल अपने नाम किया था और नया ओलंपिक रिकॉर्ड बना डाला था। वहीं इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आयशा ने कुल 194 कि.ग्रा. वजन उठा कर कांस्य पदक अपने नाम किया था।
अब भारत के लिए एक ख़ुशख़बरी आ रही है कि भारत का ये रजत पदक अब स्वर्ण पदक में बदल सकता है। आपको बता दें, इस प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने वाली चीन की होऊ जिहुई का डोपिंग परीक्षण किया जाएगा और अगर होऊ जिहुई इस टेस्ट में फेल हुईं तो भारत की मीराबाई चानू को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। सुदर्शन सूत्र के मुताबिक होऊ जिहुई को टोक्यो में ही रूकने के लिए कहा गया है और उनका डोपिंग टेस्ट होगा। हालांकि डोपिंग परीक्षण सिर्फ होऊ जिहुई का ही नहीं बल्कि अन्य 5000 एथलीट्स का भी किया जा रहा है। जिनका परीक्षण सकारात्मक आने की गुंजाइश बेहद कम है। लेकिन अगर होऊ जिहुई की परीक्षण सकारात्मक आता है तो भारत की झोली में सोना आ जाएगा।