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ड्रग तस्करी मामले में "मिनी मुंबई" बन रहा "मोहनिया अनुमंडल" ? सलीम मियां फैला रहा नारको टेरर.

नशे के तस्करों के खिलाफ व्यापक और निर्णायक कार्यवाही की जा रही है - राकेश कुमार, पुलिस कप्तान कैमूर. क्या कहते हैं मोहनिया डीएसपी फैज अहमद खान - इस मामले में संलिप्त अन्य पेडलर और सप्लायर की गिरफ्तारी के लिए व्यापक अभियान छेड़ा जा रहा है. मोहनिया अनुमंडल को ड्रग मुक्त कराने में आम जनता व मीडिया करें सहयोग.

पंकज कुमार राय
  • Nov 10 2021 2:33PM
ड्रग तस्करी मामले में "मिनी मुंबई" बन रहा "मोहनिया अनुमंडल" ? नशे के तस्करों के खिलाफ व्यापक और निर्णायक कार्यवाही की जा रही है - राकेश कुमार, पुलिस कप्तान कैमूर. क्या कहते हैं मोहनिया डीएसपी फैज अहमद खान - इस मामले में संलिप्त अन्य पेडलर और सप्लायर की गिरफ्तारी के लिए व्यापक अभियान छेड़ा जा रहा है. मोहनिया अनुमंडल को ड्रग मुक्त कराने में आम जनता व मीडिया करें सहयोग. सलीम मियां मोहनिया का ड्रग पेडलर तो, इसका सप्लायर कौन ? उस सप्लायर का अंडरवर्ल्ड और पाकिस्तान के कनेक्शन की क्यों न हो जांच ? देश में कुछ दिनों से ड्रग्स चर्चा का विषय बना हुआ है, गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर 3,000 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई थी. वह मामला अभी ठंडा पड़ा ही नहीं था कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान क्रूज ड्रग केस में एनसीबी के हत्थे चढ़ गए. लेकिन इन सब बातों से दूर बिहार के कैमूर जिले का मोहनिया अनुमंडल खामोशी से ड्रग तस्करी का मिनी मुंबई बनता जा रहा है. ड्रग तस्कर खामोशी से तस्करी को अंजाम देकर युवाओं के नसों में जहर घोल रहे हैं. मंगलवार को मोहनिया पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर वार्ड नंबर 9 के एक ड्रग पेडलर सलीम मियां के घर छापेमारी की. जिसके यहां 95 ग्राम हेरोइन बरामद हुआ है. नशे की इतनी बड़ी खेप मोहनिया पुलिस ने पकड़ा है, यह निश्चित ही शानदार कदम है. आम जनता इस कार्रवाई की खुले दिल से प्रशंसा कर रही है. लेकिन इस बीच ड्रग पेडलर पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा, कुछ महीनों से ड्रग तस्करी के मामले में मोहनिया अनुमंडल चर्चित रहा है. फिर भी पुलिस इस पूरे ड्रग नेटवर्क को खत्म करने में अभी असफल दिख रही है. जब 5 ग्राम हेरोइन आर्यन खान के पास मिलती है, तो नेशनल न्यूज़ बन जाता है, बड़ी-बड़ी डिबेट्स होती हैं. एनआईए से लेकर एनसीबी तक सक्रिय हो जाते हैं. लेकिन मोहनिया ड्रग तस्करी के इस मामले में इस तरह की कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है. आखिर यह 95 ग्राम ड्रग्स पेडलर के पास आई कहां से ? इसका कोई सप्लायर तो होगा ? इसके सप्लायर को आसमान से हेरोइन तो नहीं मिली होगी ? क्या ये ड्रग तस्करी में अंतरराज्यीय गिरोह के साथ-साथ, अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भी हाथ है ? सवाल इसलिए पैदा हो रहा है कि पोस्ता की खेती यूपी बिहार में नहीं हो रही है. निश्चित रूप से अफगानिस्तान पाकिस्तान के रास्ते ही बिहार के मोहनिया तक ड्रग्स आई है ? यह बात हमारी सरकारों को, हमारी जांच एजेंसियों को, हमारी पुलिस को समझ में आए या न आए, लेकिन आम जनता इसे भारत के खिलाफ "ड्रग वार" के रूप में देख रही है. यह नारको टेरर, बिना युद्ध लड़े ही भारत को पाकिस्तान और अफगानिस्तान द्वारा खोखला किया जा रहा है. हमारे युवाओं को, हमारी आने वाली नस्लों को बर्बाद करने के लिए बंदूक की गोली की जरूरत पाकिस्तान महसूस नहीं कर रहा है, उसे अब नशे की गोली का ही सहारा बेहतर विकल्प दिख रहा है और यह धंधा बखूबी फल फूल रहा है. और ये जो नशे का कारोबार बिहार सहित पूरे देश में फैल रहा है. इससे जो पैसा आता है वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक पहुंचता है ? और उस पैसे का प्रयोग भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए किया जाता है ? यह बात हर आम आदमी के समझ में आ रही है. लेकिन सत्ता,शासन, प्रशासन और विपक्ष को नहीं समझ में आ रही है ? इंतजार करिए, जब देश चीन जैसा अफीमचीयो का देश बन जाएगा, तब शायद कोई माओ जैसा क्रांतिकारी आए और देश को नशे से मुक्त कराएं ?

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