बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है, जिसे जल प्रलय के रूप में देखा जा रहा है। कोसी और बागमती नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिसके कारण 22 वर्षों में पहली बार कई बांध टूट गए हैं।
कोसी बैराज के 56 फाटकों के गेट खोलने पड़े, जिससे बाढ़ का पानी आधे बिहार में फैल गया है। इस त्रासदी का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण किया है और प्रभावितों के लिए राहत के उपायों की योजना बनाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री की आपात बैठक
नीतीश कुमार ने बाढ़ की स्थिति को लेकर एक बैठक बुलाई है। हवाई सर्वेक्षण के दौरान उनके साथ जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे। उन्होंने उत्तर बिहार और कोसी क्षेत्र के कई जिलों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने हाल ही में दिल्ली से लौटने के बाद इस सर्वेक्षण की योजना बनाई थी। सर्वेक्षण के बाद वे आपदा प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे, जिसमें राहत उपायों पर चर्चा की जाएगी।
हाई अलर्ट पर अधिकारी
इस समय लगभग आधा बिहार बाढ़ की चपेट में है। शिवहर में एक बांध टूटने से सीतामढ़ी और शिवहर के करीब 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बेलसंड के मधकौल में बांध टूटने से 10 पंचायतों के 30 गांवों में पानी भर गया है।
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है और लोगों को हर संभव सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग आवश्यक दवाओं की व्यवस्था कर रहा है, और एंबुलेंस सेवाएं सड़क और जल मार्ग से भी सुनिश्चित की गई हैं।
जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई भी शुरू की है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। राहत कार्यों के लिए प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है।