बंगाल की ममता सरकार एक तरफ तो रमजान और ईद के मौके पर मुसलमानों को उपहार देती है. वहीं दूसरी तरफ राम नवमी के मौके पर निकाली जाने वाली शोभा यात्रा के रास्ते को बदलने की बात करती है. बंगाल में हालात यह हो गए हैं कि हिंदुओं को अपने हक के लिए अदालत के दरवाजे खटखटाने पड़ रहे हैं. दरअसल, हिंदू संगठन हावड़ा में कई सालों से राम नवमी के मौके पर शोभा यात्रा निकाल रहे है. जिसे इस साल ममता सरकार ने बदलने की बात कही थी.
जानकारी के अनुसार बंगाल की सरकार ने हिंदुओें से शोभा यात्रा को निकालने के लिए अलग-अलग रास्तों का प्रयोग करने की बात कही थी. जिसके बाद हिंदु संगठनों ने अदालत में गुहार लगाई थी. जिसके चलते कोलकाता हाईकोर्ट ने आज यानी 16 अप्रैल को हिंदू संगठनों को उसी रास्ते से शोभा यात्रा को निकालने की अनुमति दी है. बता दें कि अदालत ने दो हिंदू संगठनों अंजनी पुत्र सेना और विश्व हिंदू परिषद को यह अनुमति दी है. हावड़ा में नवमी यानी 17 अप्रैल को यह शोभा यात्रा निकाली जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल रामनवमी शोभा यात्रा के मौके पर हावड़ा के शिबपुर में हिंदुओं पर पत्थरबाजी की गई थी. जिसके बाद इस साल ममता सरकार ने हिंदुओं से रास्ता बदलने की बात कही थी. हिंदू संगठनों की गुहार पर कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस जय सेन गुप्ता ने शोभा यात्रा को उसी रास्ते से निकालने की अनुमति दी. बता दें कि जस्टिस जय सेन गुप्ता की पीठ वाली अदालत ने कहा कि शोभा यात्रा उसी रास्ते से निकाली जाए जहां से पिछले 15 सालों से निकाली जाती आ रही है.
वहीं हिंदुओं के पक्ष को सुनते हुए कोर्ट ने आदेश भी दिए हैं कि शोभा यात्रा में 200 लोगों से ज्यादा लोग उपस्थित नहीं होने चाहिएं. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिए की इस दौरान कोई भी भड़काऊ बयानबाजी या नारेबाजी नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि शोभा यात्रा को शांति पूर्वक पूरा करने के लिए राज्य पुलिस केंद्रीय बलों की सहायता भी ले सकती है.
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल 2023 में रामनवमी के दिन ही पश्चिम बंगाल के कई स्थानों पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई थी. रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान हिंदुओं पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटना हुई थी. कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा थी. जिसके बाद इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.