Makar Sankranti 2021: भारत के खंण्ड- खण्ड़ में मनाया जाता है मकर संक्रांति त्यौहार
मकर संक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। सनातनी पंचाग के अनुसार बताया जाता है कि पोष माह में रुके सभी कार्यो के मकर संक्रांति के शुभ दिन से पूर्ण होने के आसार बनने लगते हैं। सनातनी पचांग के अनुसार जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, उसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है।
मकर संक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। सनातनी पंचाग के अनुसार बताया जाता है कि पोष माह में रुके सभी कार्यो के मकर संक्रांति के शुभ दिन से पूर्ण होने के आसार बनने लगते हैं। सनातनी पचांग के अनुसार जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, उसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है।
इस त्यौहार में लोग सांस्कृतिक दिनचर्या के अनुसार दिन का आरम्भ करते हैं। सबसे पहले मकर संक्रांति को मनाने वाले लोग सुबह उठकर शाही स्नान कर ईष्टदेव (सूर्य) को प्रणाम करते हैं। जिसके बाद लोग अपने घर में खिचड़ी को एक खास व्यजन के रुप में बनाते हैं, इस दिन तिल का खास महत्व माना जाता है। तिल के लड्डू और गुड़ को असहाय लोगों को दक्षिणा के साथ साहयता के रुप में दिया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मकर संक्रांति की दी बधाई..
पूरे देश में मनाया जाता है मकर संक्रांति त्यौहार
आपको बता दें कि यह त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है, पर हर जगह इसके नाम अलग होते हैं। जहाँ उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। तो असम में इस दिन को बिहू (bihu) और दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल (Pongal) के नाम से जानते हैं। मकर संक्रांति के दिन पंतगबाजी का आयोजन होता है। इस दिन बच्चे-बुजुर्ग सभी पंतग उड़ाकर मकर संक्रांति मनाते हैं। मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई को जाती है।
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