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Madhya Pradesh : सिंधिया और दिग्विजय सिंह का एक-दुसरे पर हमला...सिंधिया ने क्यों कहा- मैं उनके स्तर पर गिरकर बात नहीं कर सकता

सिंधिया ने कहा कि दिग्विजय सिंह एक वरिष्ठ नेता हैं। जो व्यक्ति ओसामा को ओसामा जी कहे, जो कहे कि सरकार कांग्रेस की आएगी तो धारा 370 हटाएंगे, ऐसे दिग्विजय सिंह से क्या कहा जाए? इस तरह के बयान देना उनकी आदत रही है। मैं उनकी असलियत सामने नहीं लाना चाहता।

Shanti Kumari
  • Dec 6 2021 1:12PM
एक तरफ जहाँ अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं का विपक्षी दल पर तंज और जनता के सामने अपनी तारीफ करते नही थक रहे है वही, दूसरी तरफ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बीच आए दिन एक-दुसरे पर जुबानी तंज कसने का शिलशिला जारी है। दरअसल, शनिवार को सिंधिया ने गुना में सिंह के करीबी रहे हीरेन्द्र सिंह सहित कई कांग्रेस नेताओं को भाजपा में शामिल कराया था। इस पर दिग्विजय सिंह ने सिंधिया पर हमला बोलते हुए उन्हें गद्दार कहा था। अशोकनगर में रोड शो के बाद सिंधिया ने इस पर कहा कि मैं उनके स्तर पर गिरकर बात नहीं कर सकता।  

सिंधिया ने कहा कि दिग्विजय सिंह एक वरिष्ठ नेता हैं। जो व्यक्ति ओसामा को ओसामा जी कहे, जो कहे कि सरकार कांग्रेस की आएगी तो धारा 370 हटाएंगे, ऐसे दिग्विजय सिंह से क्या कहा जाए?  इस तरह के बयान देना उनकी आदत रही है। मैं उनकी असलियत सामने नहीं लाना चाहता। न ही उनकी तरह नीचे गिरना चाहता हूं। जरूर, उन्हें किसी बात से दुख पहुंचा है, जिसकी वजह से वे इतने गंभीर और वरिष्ठ नेता होने के बावजूद इस स्तर पर आकर बयान दे रहे हैं। दिग्विजय सिंह के उकसाने के बावजूद वे सिंधिया परिवार की मर्यादा को बनाए रखेंगे। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांटा शब्द का इस्तेमाल हीरेन्द्र सिंह के भाजपा में शामिल होने की बात पर कही। इसके बाद ही दिग्विजय सिंह भड़के थे। दिग्विजय ने शनिवार को ही एक रैली में कहा था कि सिंधिया ने पहले कांग्रेस का फायदा उठाया और फिर बीजेपी में चले गए। सिंधिया ने 25-25 करोड़ रुपये देकर कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा। इतिहास गद्दारों को कभी माफ नहीं करता है। पीढ़ियां इनकी गद्दारी याद रखेंगी। जब भी झांसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई का नाम आता है तो सिंधिया परिवार का नाम याद आता है या नहीं। अगर पानीपत के युद्ध में सिंधिया राजाओं ने हिंदू राजाओं का साथ दिया होता तो पानीपत की लड़ाई में अहमद शाह अब्दाली की हार होती। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अगर गद्दारी नहीं की होती तो मध्य प्रदेश में आज कांग्रेस की सरकार होती। 
 

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