पीडब्ल्यूडी के एक सहायक अभियंता केके सिंह को लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा में घमासान की स्थिति बन गयी है। इस अभियंता के बारे में जहां विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल का मानना है कि वह एक नाकारा अभियंता हैं, वहीं सांसद रवि किशन की उनके बारे में राय बहुत जुदा है। रवि किशन उन्हें बेहद कर्मठ व कुशल अभियंता मानते हैं।
क्यो खड़ा हुआ विवाद -
अभी कुछ दिन पूर्व विधायक जी ने इन इंजीनियर की शिकायत उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से करते हुए उन्हें हटाने का आग्रह किया। डिप्टी सीएम ने अभियंता को तत्काल लखनऊ से अटैच किये जाने का आदेश जारी कर दिया। इस पर विधायक जी ने केशव मौर्य की तारीफ करते हुए एक ट्वीट भी किया था। कि " इसे कहते हैं नागरिकों के साथ अन्याय होने पर तुरंत कार्रवाई करने वाले उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री! फैसला आन द स्पाट - लाईक सलमान खान"
विधायक खेमा अपनी इस विजय पर अभी ठीक से खुशी भी नही मना पाया था कि सांसद रविकिशन ने भी इसी मामले पर डिप्टी सीएम को एक पत्र प्रेषित करते हुए उनसे आग्रह कर दिया कि अभियंता केके सिंह बेहद कर्मठ व कुशल अभियंता हैं, इसलिए इनके ट्रांसफर को रोक दिया जाय। उन्होंने देवरिया गोरखपुर मार्ग के चौड़ीकरण के काम के पूरा होने तक उन्हें कहीं भी ट्रांसफर न किये जाने का अपना निवेदन प्रस्तुत कर दिया।
डिप्टी सीएम फंसे दुविधा में -
अब स्वयं डिप्टी सीएम साहब जिनके पास पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी है, दुविधा में आ गए हैं। अब आखिर वो करें तो क्या करें। अभियंता केके सिंह अब उनके लिए गुड़ भरा हसिया बन चुके हैं। यदि उन्हें यथावत रखा जाता है तो विधायक जी असंतुष्ट रहेंगे, और यदि हटा दिया जाता है तो सांसद जी नाराज। चूंकि मामला गोरखपुर का है इसलिए माना जा रहा है कि सीएम योगी का हस्तक्षेप ही इस मामले को मुकाम तक पहुचाने में निर्णायक साबित होगा।