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एलजी के माध्यम से दिल्ली की जनता की चुनी हुई सरकार के कामों में अड़ंगा लगाकर लोकतंत्र की हत्या कर रही केंद्र सरकार :उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया*

एलजी के माध्यम से दिल्ली की जनता की चुनी हुई सरकार के कामों में अड़ंगा लगाकर लोकतंत्र की हत्या कर रही केंद्र सरकार :उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया**दिल्ली कैबिनेट का अहम फैसला, सरकार द्वारा तय वकीलों का पैनल ही किसान आंदोलन मामले में कोर्ट में रखेगा सरकार का पक्ष**वकीलों की नियुक्ति की अधिकार राज्य सरकार के पास, केंद्र सरकार का ये रवैया संविधान के खिलाफ :उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया*

Sumit bhojgi
  • Jul 17 2021 1:02AM
एलजी के माध्यम से दिल्ली की जनता की चुनी हुई सरकार के कामों में अड़ंगा लगाकर लोकतंत्र की हत्या कर रही केंद्र सरकार :उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया* *दिल्ली कैबिनेट का अहम फैसला, सरकार द्वारा तय वकीलों का पैनल ही किसान आंदोलन मामले में कोर्ट में रखेगा सरकार का पक्ष* *वकीलों की नियुक्ति की अधिकार राज्य सरकार के पास, केंद्र सरकार का ये रवैया संविधान के खिलाफ :उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया* *अपने वीटो का दुरुपयोग कर दिल्ली सरकार के काम में हस्तक्षेप करना बंद करे उपराज्यपाल: मनीष सिसोदिया* दिल्ली कैबिनेट ने शुक्रवार को एक बैठक के दौरान ये फैसला लिया है कि किसान आंदोलन में पक्ष रखने के लिए दिल्ली सरकार सरकार द्वारा चयनित वकीलों का पैनल ही कोर्ट में दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसकी जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भी उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली सरकार द्वारा तय वकीलों के पैनल को रिजेक्ट करने की कोशिश की है। लेकिन दिल्ली कैबिनेट ने ये तय किया है कि कोर्ट में दिल्ली सरकार द्वारा चयनित वकीलों पैनल ही पक्ष रखेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि देश के किसानों का साथ देना हर भारतीय का फ़र्ज़ है। किसानों का साथ देकर दिल्ली सरकार ने कोई एहसान नहीं किया है बल्कि देश के किसान के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाया है। किसान अपराधी नहीं है, आतंकवादी नहीं है। वो हमारा अन्नदाता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये बहुत दुखद है कि केंद्र सरकार बार-बार उपराज्यपाल के माध्यम से जनता द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार के कामों में अड़ंगा लगाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वकीलों की नियुक्ति ट्रांसफर्ड विषय का हिस्सा है। और इस पर निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास है। उसके बावजूद उपराज्यपाल द्वारा इसमें बार-बार हस्तक्षेप करना संविधान के खिलाफ जाना है. भारतीय संविधान में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के कार्य अच्छी तरह से परिभाषित है। साथ ही 4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठतम न्यायधीशों की संवैधानिक बेंच ने निर्णय दिया था कि ट्रांसफर्ड विषय में निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली सरकार का है। उपराज्यपाल का नहीं। उपराज्यपाल के पास सरकार के निर्णय में अपना ओपिनियन देने के लिए वीटो पावर दी गई है। लेकिन संवैधानिक बेंच ने व्याख्या की थी कि उपराज्यपाल केवल अति-दुर्लभ स्थिति में ही अपने वीटो का इस्तेमाल कर सकते है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि संवैधानिक बेंच के निर्णय के खिलाफ जाते हुए उपराज्यपाल द्वारा रोज अपने वीटो का दुरुपयोग कर जनता की चुनी हुई सरकार को जनहित के कामों को करने से रोका जा रहा है। और इस तरह से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने अरविंद केजरीवाल को अपना सीएम चुना है। तो जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार को जनता के हितों के लिए काम करने दिया जाए। किसानों की मदद करने के बजाय किसान विरोधी केंद्र सरकार उपराज्यपाल के सहारे दिल्ली सरकार को किसानों की मदद करने से रोक रही है। साथ ही उपराज्यपाल द्वारा रोज अपने वीटो पावर का दुरुपयोग कर सरकार को काम करने से रोकना लोकतंत्र का मज़ाक बनाना है। इस तरह के केस में जब आप अपने वीटो पावर इस्तेमाल करते हैं तो आप संविधान का भी मजाक बनाते हैं, सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट्स के खिलाफ जाते हैं. और साथ-साथ में जजमेंट की भी हत्या करते हैं। उपमुख्यमंत्री ने नसीहत देते हुए कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली को अपना काम करने दे और दिन में 3 बार वीटो लगाना बंद करे।

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