चाचा भाई ने चिराग की झोपड़ी मे आग लगाई .
दलित के महा नायक लोजपा के निर्बाण करता राम विलास पासवान ज़ी अब जिन्दा नहीं हैं .उनेह सभी को बराबर देख ने की आदत थी .आज जो तनाब हुआ अलगाब हुआ उनके जिन्दा दिल मे नहीं हो सकता था .
आपको बता दे कि राम विलास के गुजरने के बाद चाचा भाई को चिराग से बन नहीं रहीं थी .पार्टी के हर फैसले चिराग कर रहे थे .बिहार विधान सभा मे चिराग ने अपने कैडिडेट खुद उतारे थे .जो हाजीपुर सांसद पशुपति पारस को रास नहीं आ रहा था .अब नीतीश के लोकसभा सांसद राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने चाचा और भाई को अपने पार्टी के लिए लोजपा तुरबाया .खबर ए भी हैं की सेंट्रल मिनिस्ट्री मे जगह की बात दे कर लोजपा को टूर कर दिया गया हैं .यह स्किप्ट पहले से तैयार था .उचित समय की मांग थी जो समय आ गया .बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड को पासवान की जमीन लेने की होड़ हैं .जिसमे चिराग बीजेपी को लाइक करते हैं .दुसरी तरफ ५ सांसद का नेता बने पारस को अपनी मंत्री पद अच्छा लग रहा हैं .ये तो होना ही था राजनीत मे सत्ता सुख सभी को अच्छा लगता हैं .
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