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कुपोषित बच्चों में खान पान संबंधी देखभाल आदि पर पोषण पाठशाला में जानकारी दी गयी

कुपोषित बच्चों में खान पान संबंधी देखभाल आदि पर पोषण पाठशाला में जानकारी दी गयीआज जनपद के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। पोषण पाठशाला पूर्वाह्न 11 बजे से अपरान्ह 01 बजे तक चली। इस पोषण पाठशाला में बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा आशा व आशा संगिनी एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के लाभार्थी, गर्भवती (अंतिम त्रैमास) और धात्री माताएं प्रतिभागी रहीं । पोषण पाठशाला में ऊपरी आहार संबंधी चुनौतियों तथा उनके समाधानों पर विस्तृत चर्चा की गयी । पोषण पाठशाला एनआईसी के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई । सभी आंगनवाडी केन्द्रों ने इसे जूम लिंक के माध्यम से ज्वाइन किया । इस कार्यक्रम की मुख्य थीम बच्चों के लिए सही समय पर ऊपरी आहार” रही। पोषण पाठशाला में अधिकारियों के अतिरिक्त विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिन्दी में चर्चा की। कॉन्फ्रेसिंग के जरिए लाभार्थियों व अन्य के प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया । एनआईसी के माध्यम से जुड़ने वाले लोगों को बेवकास्ट के समय विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछने की सुविधा उपलब्ध रही। जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा जनपद के एनआईसी केन्द्र में बाल विकास परियोजना अधिकारी टोडरपुर राहुल दुबे सीडीपीओ टडियावॉ-कुमुद मिश्रा एवं मुख्य सेविका सीमा सिंह, चित्रा श्रीवास्तव, शशिमा, नीतू वर्मा, रीता देवी, एवं आशा देवी के साथ उपस्थित रहीं । बच्चों के विकास का सीधा संबंध उनके आहार से होता है। सुपोषित बचपन के लिए छः माह के बाद ऊपरी आहार की शुरुआत एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है, जिसमें परिवार ,सुमदाय तथा प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं विशेषतः आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों का महत्वपूर्ण योगदान है। जानकारी का अभाव, समय का अभाव, प्रचलित मान्यताएं कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से बच्चे संपूर्ण पोषण से वंचित रह जाते हैं। इस व्यवहार की कमी छोटे बच्चों में स्टंटिंग (कम ग्रोथ) कुपोषण का एक प्रमुख कारण है।ऊपरी आहार की महत्वता, छः माह के बाद ऊपरी आहार तथा स्तनपान से मिलने वाली ऊर्जा व प्रोटीन का महत्व, बच्चों को दिये जाने वाले खाद्य़ समूह के प्रकार, ऊपरी आहार शुरू करते समय ध्यान देने योग्य बातें, ऊपरी आहार में आने वाली समस्याएँ, कुपोषित बच्चों में खान पान संबंधी देखभाल आदि पर पोषण पाठशाला में जानकारी दी गयी। आज की पोषण पाठशाला में ऑगनवाडी केन्द्रों के माध्यम लगभग 42845 महिलाओं ने जुड़कर जानकारी प्राप्त की। पोषण पाठशाला को विभागीय मंत्री माननीय बेबी रानी मौर्या,सचिव बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार-अनामिका सिंह ने भी संबोधित किया और इसे कुपोषण दूर करने में आइसीडीएस विभाग का महत्वपूर्ण एवं उपयोगी कदम बताया ।-----------------------------

अमित श्रीवास्तव पत्रकार सुदर्शन न्यूज
  • Aug 26 2022 12:26AM

04. आज जनपद के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। पोषण पाठशाला पूर्वाह्न 11 बजे से अपरान्ह 01 बजे तक चली। इस पोषण पाठशाला में बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा आशा व आशा संगिनी एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के लाभार्थी, गर्भवती (अंतिम त्रैमास) और धात्री माताएं प्रतिभागी रहीं । पोषण पाठशाला में ऊपरी आहार संबंधी चुनौतियों तथा उनके समाधानों पर विस्तृत चर्चा की गयी । पोषण पाठशाला एनआईसी के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई । सभी आंगनवाडी केन्द्रों ने इसे जूम लिंक के माध्यम से ज्वाइन किया । इस कार्यक्रम की मुख्य थीम बच्चों के लिए सही समय पर ऊपरी आहार” रही। पोषण पाठशाला में अधिकारियों के अतिरिक्त विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिन्दी में चर्चा की। कॉन्फ्रेसिंग के जरिए लाभार्थियों व अन्य के प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया । एनआईसी के माध्यम से जुड़ने वाले लोगों को बेवकास्ट के समय विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछने की सुविधा उपलब्ध रही। जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा जनपद के एनआईसी केन्द्र में बाल विकास परियोजना अधिकारी टोडरपुर राहुल दुबे सीडीपीओ टडियावॉ-कुमुद मिश्रा एवं मुख्य सेविका सीमा सिंह, चित्रा श्रीवास्तव, शशिमा, नीतू वर्मा, रीता देवी, एवं आशा देवी के साथ उपस्थित रहीं । बच्चों के विकास का सीधा संबंध उनके आहार से होता है। सुपोषित बचपन के लिए छः माह के बाद ऊपरी आहार की शुरुआत एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है, जिसमें परिवार ,सुमदाय तथा प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं विशेषतः आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों का महत्वपूर्ण योगदान है। जानकारी का अभाव, समय का अभाव, प्रचलित मान्यताएं कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से बच्चे संपूर्ण पोषण से वंचित रह जाते हैं। इस व्यवहार की कमी छोटे बच्चों में स्टंटिंग (कम ग्रोथ) कुपोषण का एक प्रमुख कारण है।
ऊपरी आहार की महत्वता, छः माह के बाद ऊपरी आहार तथा स्तनपान से मिलने वाली ऊर्जा व प्रोटीन का महत्व, बच्चों को दिये जाने वाले खाद्य़ समूह के प्रकार, ऊपरी आहार शुरू करते समय ध्यान देने योग्य बातें, ऊपरी आहार में आने वाली समस्याएँ, कुपोषित बच्चों में खान पान संबंधी देखभाल आदि पर पोषण पाठशाला में जानकारी दी गयी। आज की पोषण पाठशाला में ऑगनवाडी केन्द्रों के माध्यम लगभग 42845 महिलाओं ने जुड़कर जानकारी प्राप्त की। पोषण पाठशाला को विभागीय मंत्री माननीय बेबी रानी मौर्या,सचिव बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार-अनामिका सिंह ने भी संबोधित किया और इसे कुपोषण दूर करने में आइसीडीएस विभाग का महत्वपूर्ण एवं उपयोगी कदम बताया ।

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