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कू ऐप ने हासिल की शानदार उपलब्धि, हिंदी का सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉग बना

कू ऐप हिंदी में भारत का सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉग बन गया है। इस बहुभाषी सोशल मीडिया मंच पर हिंदी सबसे लोकप्रिय भाषा बनकर भी उभरी है।

Vaishnavi Chauhan
  • Aug 11 2022 1:48PM
कू ऐप हिंदी में भारत का सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉग बन गया है। इस बहुभाषी सोशल मीडिया मंच पर हिंदी सबसे लोकप्रिय भाषा बनकर भी उभरी है। कू ऐप भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नए बदलाव लाने वाला मंच है और इस वजह से 10 भाषाओं में सभी को डिजिटल रूप से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस पर हिंदी एक प्रभावशाली समुदाय है जो कविता, साहित्य, कला, संस्कृति, खेल, फिल्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ अन्य सैकड़ों विषयों के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करता है। तेजी से फलते-फूलते इस हिंदी समुदाय में राजस्थान के यूजर्स की संख्या काफी ज्यादा है। जयपुर, जोधपुर, कोटा, नागौर, नाथद्वारा, पाली जैसे स्थानों के यूजर्स के नेतृत्व में राजस्थान में जनवरी 2022 से अब तक इस मंच से जुड़ने वालों की संख्या में 150 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

कू ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका का कहना है कि कू के लिए राजस्थान एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वह कहते हैं, “हमारे पास लाखों ऐसे यूजर्स हैं जो अपनी मातृभाषा में पहली बार सोशल मीडिया पर अपने विचार और राय पेश करने की आजादी का अनुभव कर रहे हैं। कू ने राजस्थान के लोगों को एक-दूसरे के साथ और प्रमुख हस्तियों के साथ हिंदी में बातचीत करने और अपने अनूठे त्योहारों, परंपराओं और राज्य की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने का अधिकार दिया है।”

कू ऐप पर मौजूद 7000 मशहूर हस्तियों में से करीब 500 राजस्थान से हैं। इनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, ओलंपिक विजेता और निशानेबाजी के दिग्गज राज्यवर्धन राठौर भी शामिल हैं, जो सक्रिय रूप से जनता से हिंदी भाषा में जुड़ते हैं। पूरे भारत में बहुभाषी फॉलोअर्स तक पहुंचने के लिए ये दिग्गज बेहतरीन मल्टी-लिंगुअल कू (एमएलके) फीचर का भी फायदा उठाते हैं, जो इनके मैसेज का रीयल-टाइम अनुवाद करके उन्हें संबंधित भाषाई समुदायों तक पहुंचाता है। 

मार्च 2020 में अपनी स्थापना के बाद से कू ऐप को सोशल मीडिया यूजर्स से काफी प्यार और प्रशंसा मिली है और यह इसके डाउनलोड्स के आंकड़ों में दिखाई भी देता है। अगस्त 2021 में 1 करोड़ की संख्या से प्लेटफ़ॉर्म ने हाल ही में 4.5 करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा दर्ज किया है, जो एक साल के भीतर की जबर्दस्त तेजी को दिखाता है। बिदावतका कहते हैं, "कू ऐप जल्द ही 10 करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा हासिल करने की इच्छा रखता है और ऐसी तकनीक का निर्माण करना चाहता हैं जो दुनिया में हर जगह देसी भाषा बोलने वालों को सशक्त बना सके। भारत की तरह, दुनिया के लगभग 80% लोग अपनी मातृभाषा बोलते हैं। भारत से दुनिया के सामने आने वाला एक मंच होने के नाते कू ऐप बहुभाषी समाजों की महीन बारीकियों और लोकाचार को समझता है, और हमारी तकनीक वैश्विक स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर सकती है।”

वह कहते हैं कि आगे चलकर यह मंच क्रिएटर्स की खुशी को बढ़ाने के लिए कई नई सुविधाएँ पेश करेगा। बिदावतका कहते हैं, "हम अपने यूजर्स को सभी भाषाओं में बेहतरीन और बिल्कुल वास्तविकता जैसा अनुभव देंगे और यूजर्स को सशक्त बनाने के लिए कई स्मार्ट फीचर्स खोजना और पेश करना जारी रखेंगे। कू ऐप यह साबित करेगा कि भारत अपने और समूची दुनिया के लिए डिजिटल उत्पादों का निर्माण करके वास्तविक डिजिटल आजादी की ओर बढ़ रहा है।”

कू के बारे में

Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। कू ऐप ने भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नया बदलाव किया है। Koo App फिलहाल हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है। Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म साढ़े चार करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के 7,000 से ज्यादा प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।
 

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