उस समय बात किसी को फंसाने की थी.. किसी को जेल भेजने की थी और किसी का परिवार तबाह करने की थी.. इस मामले में अदालत अपना काम कर चुके थे और अब बारी लड़की के पिता और माता गुलजार और करीना की पिक जिन्होंने अदालत को पूरा विश्वास दिलाया था कि उनकी बेटी उनके लिए जिगर का टुकड़ा है और वो उसका पूरा ध्यान रखेंगे.…लेकिन असल में उन दोनों के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था और आखिरकार उन्होंने अपनी भयानक साजिश को अमली जामा पहना ही दिया। कुछ समय बाद एक लाश मिली जिसको पहचाना गया तो वही लड़की थी जिससे बड़े बड़े अदाओं के साथ गुलजार और वरीशा अपने साथ लेकर घर आए थे।
ध्यान देने योग्य है कि यह मामला देवभूमि उत्तराखंड के पवित्र स्थल हरिद्वार का है जहां पर एक नाबालिक बच्ची की आत्महत्या के मामले में उसके अम्मी अब्बा जेल भेजे गए और देवभूमि हरिद्वार एक दूसरा कठुआ जम्मू कश्मीर बनने से बच गई। यहां सराहना के पात्र सामाजिक कार्यकर्ता और हरिद्वार पुलिस भी है जिस ने तत्परता दिखाते हुए इस मामले का पर्दाफाश कर दिया। यह मामला मुस्लिम बहुल बनते जा रहे ज्वालापुर क्षेत्र हरिद्वार का है।ज्वालापुर पुलिस ने नाबालिग बेटी को आत्महत्या को उकसाने के आरोप में उसकी मां और पिता को गिरफ्तार किया है। नाबालिग ने फरवरी माह में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर साक्ष्यों का संकलन कर यह कार्रवाई की है।
कोतवाली पुलिस के अनुसार 12 जनवरी 2019 को सहारनपुर निवासी एक युवक आरोपियों की नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। परिजनों की तहरीर पर ज्वालापुर पुलिस ने नाबालिग को तीन फरवरी को बरामद कर दिया था। आरोप है कि परिजनों की मानसिक यातनाओं से तंग आकर बेटी ने 16 फरवरी 2019 को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जहर खाने की पुष्टि भी हुई थी। इसी दौरान सामाजिक कार्यकर्ता हरीश गौड़ ने इसकी शिकायत कोर्ट में की थी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने नाबालिग के पिता गुलजार और मां वरीना सहित परिवार के 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रवीण कोश्यारी ने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने गुलजार और वरीना को गिरफ्तार कर लिया है। जिन्हें अब कोर्ट में पेश किया जाएगा। मामले की आगे भी जांच पड़ताल की जा रही है।