"पिछले 10 दिनों में दो तूफानों का आना और कोरोना महामारी के चलते हजारों लोगों की जान जाना यह बताता है कि पिछले सात सालों में केंद्र सरकार ने कई नाइंसाफियां की हैं। पिछले सात सालों में ऐसे कानून बनाए गए हैं जिनसे शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसके अलावा नागरिकता कानून भी बना दिया गया है जिसमें सिर्फ मुसलमानों को नागरिकता नहीं मिलेगी" ये बेवकूफी भरा बयान है मुरादाबाद के सपा सांसद एसटी हसन का।
दरअसल मोदी सरकार की वजह से तुष्टिकरण की राजनीति पर लगाम लगने से बिलबिलाए जेहादियों के जहरीले बयान तो हम हर रोज सुनते हैं, परंतु प्राकृतिक आपदाओं से हुई मौतों पर जश्न मनाने जैसा यह अमानवीय बयान बताता है कि देश में जेहादी ताकते अब कितनी लाचार हो चुकी हैं। जो प्राकृतिक आपदाओं को ईश्वर का प्रकोप बताकर और मोदी सरकार पर तोहमतें मढ़कर अपना अस्तित्व कायम करना चाह रही है। जेहादियों का यह मंसूबा फिलहाल तो मोदी और योगी की सरकारों में पूरा होने से रहा।
एसटी हसन यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि देश में कोरोना के कारण हजारों लोग मर गए। आसमानी आफत भी आई हुई है। जब नीचे वाले इंसाफ नहीं करते तो ऊपर वाला इंसाफ करता है। इंसानों की लाशें कुत्ते खा रहे हैं और लाशें नदियों में बहा दी गईं। श्मशानों में लकडि़यां कम पड़ गईं। आखिर कौन सी सरकार है ये? क्या सिर्फ बडे लोगों के लिए ही है।' गौरतलब है कि पिछले दिनों देश के पश्चिमी और उत्तरी राज्यों में साइक्लोन ताउते और यास आया था जिसकी वजह से काफी तबाही हुई थी।