यह प्राचीन काल की परंपरा रही है कि जब ऋषि मुनि धर्म परायणता के साथ यज्ञ हवन करते थे तब असुरा करके उसके बीच में विघ्न उत्पन्न करते थे। रामायण और महाभारत काल के अनेक प्रसंग इसके जीवंत उदाहरण माने जा सकते हैं। समय भले बदला हो लेकिन धर्म निष्ठ ऋषि-मुनियों की ना तो परंपरा बदली और ना ही बीच में विघ्न डालने वाले अधर्मी असुरों की मानसिकता। पाप पुण्य हमेशा रहे हैं और आगे भी रहेंगे इस बात को कुछ अधर्मी तत्वों के कृत्य आए दिन साबित करते रहते हैं। आज देश एबीवीपी की स्थापना दिवस मना रहा है परंतु इसके विरुद्ध रची गई साजिशओं का दौर बहुत पुराना है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सकारात्मक उपयोग के बजाय उसको जिहाद का अड्डा बना देने वाले कुछ असामाजिक तत्वों के कृत्य लव जिहाद जैसी घटनाओं में आए दिन देखे और सुने जा रहे हैं। किस प्रकार से फर्जी आईडी बनाकर कभी हिंदू नाम रखे तो कभी कुछ और साजिश रच के कुछ ना कुछ आपराधिक कृत्य किए जा रहे हैं। लेकिन एक बार तो इसे एबीवीपी को बदनाम करने का हथियार बनाया गया था जब जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हुआ था. या घटना अक्टूबर 2017 की थी जब फेसबुक पर दूसरे के नाम से फर्जी आइडी बना कर अश्लील वीडियो, साम्प्रदायिक दंगा फैलाने वाले कमेंट करने वाले आरोपी को एसपी के आदेश पर क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोच लिया था। जिसके विरोध में सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था.
मौदहा के हुसेनगंज निवासी मोहम्मद अहमद ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व जिला संयोजक सुंदरम सिंह के नाम से फेसबुक में फर्जी आइडी बना कर अश्लील वीडियो व भड़काऊ कमेंट करता था । रामायण व गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों पर टिप्पणी कर रहा था । इसको लेकर मौदहा कस्बे के आम जनमानस में रोष व्याप्त था ।
विद्यार्थी परिषद के पूर्व जिला संयोजन ने २६ सितंबर 2017 को पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी से इसकी शिकायत की गई थी. पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी संगल लाल मिश्रा को मामले की जांच कर आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था । टीम ने बुधवार को आरोपी मोहम्मद अहमद को उसी के घर से गिरफ्तार कर लिया था
पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार लिया था। आरोपी ने बताया था कि, वह मौदहा में साम्प्रदायिक दंगा कराना चाहता था । पकड़े गए आरोपी के विरोध में सदर कोतवाली में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। ज्ञात हो की ऐसी तमाम फर्जी फेसबुक ID बनी हैं जो विधर्मियो द्वारा संचालित होती हैं और धार्मिक लोगों के साथ धार्मिक प्रतीकों के विरुद्ध साजिश रच रही हैं .