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बाबरी उद्धार के बाद पाकिस्तान में क्या हुआ था दर्जनों हिन्दू मंदिरों के साथ ? जानिए विस्तार से जब कराह उठा था वामपंथी सेक्युलरिज़्म

असल मे भाईचारे के तमाम नियम टूट जाते हैं भारत के बाहर जाते ही.

Rahul Pandey
  • Aug 7 2020 12:12PM
6 दिसंबर 1992.. ये वो दिन था जब श्रीराम भक्तों ने अयोध्या में मुगल आक्रान्ता बाबर के नाम पर बने उस ढांचे को ध्वस्त कर डाला था, जिसे प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर के ऊपर बनाया गया था. इसके बाद से अब तक कथित बुद्धिजीवी तथा हिन्दू विरोधी लोग हिन्दुओं को सांप्रदायिक बताते रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस घटना के बाद इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान में 1 नहीं बल्कि 30 से ज्यादा हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था. अफ़सोस इस एक भी बुद्धिजीवी या सेक्यूलर अपनी जुबान नहीं खोलता है.

बाबरी गिराए जाने की खबर जैसे ही पड़ोस में इस्लामिक मुल्क पहुंची वहां हिन्दू मंदिरों पर मज़हबी हमले शुरू हो गए थे. तब इस घटना को अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रकाशित किया था. PAKISTANIS ATTACK 30 HINDU TEMPLES की हेडिंग से छपी इस खबर में बताया गया था कि बाबरी विध्वंस का पाकिस्तान में कितना बुरा असर हुआ था. अखबार के मुताबिक पूरे पाकिस्तान में करीब 30 हिंदू मंदिरों पर हमले हुए. पाकिस्तानी सरकार ने बाबरी विध्वंस के विरोध में एक दिन के लिए स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद कर दिए थे.

मज़हबी चरमपंथी भीड़ ने 6 मंदिरों को आग के हवाले कर दिया था और एयर इंडिया के दफ्तर पर पत्थरबाजी हुई थी. उन्मादी भीड़ “Crush India!” और “Death to Hinduism!” के नारे लगा रही थी. विरोध प्रदर्शनों और दुकानें बंद होने की वजह से बिजनेस बिल्कुल ठप हो गया था. मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय राजदूत को बुलाकर चिंता जाहिर की थी और तुरंत मस्जिद निर्माण कराने की अपील की थी. सरकार ने यह भी कहा था कि वो इस मामले को यूनाइटेड नेशंस में ले जाएंगे और मुस्लिम देशों के संगठन से अपील करेंगे कि वो भारत में मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाएं.

इसके अलावा कायदे आजम विश्वविद्यालय के छात्रों ने भारतीय प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का पुतला भारतीय दूतावास के सामने जलाया था. गुस्साए छात्र नारे लगा रहे थे-अब हिंदुओं के खिलाफ युद्ध ही एकमात्र रास्ता है.  लाहौर में उन्मादी भीड़ ने बुलडोजर चलाकर पंजाब यूनिवर्सिटी के पास एक पुराने जैन मंदिर को जमींदोज कर दिया था. पुलिस पूरे मामले में सिर्फ मूकदर्शक की भूमिका में रही. और न ही पुलिस ने तब कोई कार्रवाई की जब एयर इंडिया के दफ्तर पर जमकर पत्थर बरसाए गए. एयर इंडिया के दफ्तर से फर्नीचर खींचकर सड़कों पर लाए गए और उनमें आग लगा दी गई. कराची में पांच मंदिरों पर हमले हुए और सिंध के दक्षिणी इलाके में 25 मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया था. यद्द्पि वामपंथी वर्ग अभी भी इस सच को स्वीकार करने से कतराते हैं और अपने खुद के गढ़े सेकुलरिज्म के नकली सिद्धांत पर अटल है जिसमें गलती सँभवतः सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं की होती है

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