सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

अब तक हिम्मत न थी किसी की अपने बयानों में बाला साहब ठाकरे का नाम लेने की.. पर अब हुआ और तब , जब उनके बेटे की सरकार है

जानिए क्या कहा गया है हिन्दू हृदय सम्राट के बारे में एक मुस्लिम नेता द्वारा .

Sudarshan News
  • Jul 25 2020 9:15AM

वह महाराष्ट्र के बेताज बादशाह है। निश्चित तौर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद अगर किसी ने महाराष्ट्र के जन-जन तक अपनी छाप छोड़ी है तो वह है हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे  जो इस समय स्वर्ग में ऊंचे पद पर सुशोभित है। उनके शौर्य का यह इतिहास रहा है कि मात्र उनके नाम से ही काफिले निकल जाया करते थे। उनके स्वर्गवास के बाद भी अब तक किसी में साहस नहीं था कि उनके विरुद्ध किसी प्रकार की टीका या टिप्पणी करें क्योंकि जिस प्रकार से महाराष्ट्र ने उन्हें प्रेम दिया है ऐसे में उनके विरुद्ध बोलने वाला ना सिर्फ कानून का दुश्मन बन जाएगा बल्कि जनता भी उसे सिरे से तिरस्कृत कर देगी। लेकिन राजनैतिक भाषणों में उन महान हिंदू हृदय सम्राट का नाम एक विशेष वोट बैंक के लिए लिया जाने लगा है।

इस मामले में सबसे खास बात तो यह है कि यह सब कुछ उस समय हो रहा है जब महाराष्ट्र में उनके ही अपनी खुद के बेटे की सरकार है और शिवसेना एक मिली जुली सरकार का नेतृत्व कर रही है। उनके समय काल में महाराष्ट्र में पहुंचकर दंगे भड़काने की चीज था ओवैसी जैसे किसी भी दंगाई के लिए असंभव जैसी थी परंतु अब उन्हें ओवैसी के ही पार्टी के निचले पायदान पर जमे लोग खुले तौर पर अपने राजनीतिक हित साधने के लिए पूरे दुनिया में निर्विवाद रूप से हिंदू हृदय सम्राट घोषित बालासाहेब ठाकरे के नाम को अपने अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर अपने-अपने हितों को साधने मैं लगे हुए हैं। इस बार उनके नाम को उपयोग किया है ओवैसी की पार्टी के इम्तियाज जलील ने जिन्होंने उनके स्मारक को लेकर की है एक अशोभनीय टिप्पणी जबकि उनका स्मारक प्रेरणा देता है युवा हिंदुओं को अपने धर्म की रक्षा  भगवा वस्त्र के सम्मान की ।।

 गौर करने योग्य है कि महाराष्ट्र की जनता को उकसाने वाला कृत्य करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) सांसद इम्तियाज जलील ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक की जगह अस्पताल बनाने की मांग की है। जलील ने कहा, ”सिडको की जमीन पर अस्पताल का निर्माण हों..  इम्तियाज जलील के अनुसार लोगों को स्मारक की बजाय एक अस्पताल की अधिक आवश्यकता है।” बता दें कि महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री और शिव सेना नेता सुभाष देसाई ने स्मारक समेत औरंगाबाद महानगर पालिका परियोजनाओं की समीक्षा की थी।फिलहाल इम्तियाज जलील वही नेता है जो बाबरी के निर्माण के लिए आए दिन बयान दिया करते हैं  और उनके ऐसे किसी बयान में  बाबरी से कोई समझौता नहीं रहा है ।  बाबरी के लिए  सुप्रीम कोर्ट द्वारा  दी गई जमीन पर भी इम्तियाज जलील और उनकी पार्टी ने ऐसी कोई भी  इमारत बनाने की पेशकश नहीं की है  जो जनहित में हो ।  उनके इस बयान पर अब तक शिवसेना और शिवसेना के मुख्यमंत्री  शांत है ।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

ताजा समाचार