कभी आमिर घराने की शहज़ादी रही ,स्ट्रगल के दिनों में उन्हें चार दोस्तों के साथ एक ही कमरे में रहना पड़ा। पेट भरने के लिए केवल रोटी और अचार खा कर दिन गुज़ारने पड़े। कंगना कभी रुकी नहीं और नहीं कभी किसी से मदद ली। यहाँ तक की अपने फॅमिली से भी नहीं। ऐसी ही थी कंगना रनौत। जो मात्र 16 साल के उम्र में परिवार को छोड़ कर दिल्ली आ गयी अपने सपनो को पूरा करने के लिए। और यही से शुरू हुआ कंगना का सपनो के लिए स्वार्थी दुनिया से संघर्ष। कंगना का जन्म 23 मार्च 1987 को हिमांचल के एक छोटे से गांव भांबला में हुआ। उनकी माँ एक टीचर है और पिता कंस्ट्रक्शन मटेरियल के बुसिनेस्में है। और इनकी एक बहन है जिनका नाम रंगोली है। जिन पर 2004 में एसिड अटैक हुआ था। और वही एक भाई है जो कमर्शियल पायलट है। कंगना बचपन में 25 कमरों वाले हवेली में अपने पूरे परिवार के साथ रहती थी। इतना धनी होने के बावजूद भी उनके माता पिता मन से धनी नहीं थे इसलिए उनके साथ भेदभाव होता था।
कंगना को जन्म से ही अनवांटेड चाइल्ड माना जाता था, कंगना ने कभी भी अपने सिचुएशन से कोम्प्रोमाईज़ नहीं किया। हमेशा अपना हक़ पाने के लिए वो लड़ती थी। कंगना को स्कूल जाना और पढ़ना बेहद पसंद था। उनके पिता चाहते थे की वो डॉक्टर बने इसलिए वो एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करती थी और 19 घंटा पढ़ती थी। कंगना को बचपन से ही तैयार होना और डिजाईनिंग कपडे पहना बहुत पसंद था। उन्होंने सोचा क्यों ना मॉडलिंग में हाथ आज़माया जाए। लेकिन घर वालों ने इसके लिए सख्त माना कर दिया। 16 साल की ये लड़की 10 हज़ार रूपए के साथ अनजान शहर दिल्ली आ गयी। वहां वो अपने दोस्त के साथ हॉस्टल में रहने लगी। जिसमे एक ही रूम में चार लड़कियां रहती थी।
अमीरों की शहज़ादी कंगना ने सर्घष करने में हार नही मानी । ये उनके लिए सबसे बुरा वक़्त था। उन्होंने कभी भी अपने परिवार से सहायता नहीं मांगी। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था की आगे क्या किया जाए। उसके बाद उन्होंने दिल्ली के इलीट मॉडलिंग एजेंसी ज्वाइन की। लेकिन धीरे धीरे उन्हें एहसास हुआ की मॉडलिंग में क्रिएटिविटी के लिए कोई स्कोप नहीं है। इसलिए उन्होंने मॉडलिंग छोड़ कर स्मिता थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर ली। धीरे धीरे वो अपनी एक्टिंग स्किल निखरती गयी। उस समय कंगना पर गज़ब की गरीबी छाई थी उन्हें केवल रोटी और अचार से पेट भरना पड़ता था। समय समय पर पैसो के लिए वो फैशन शो में मॉडलिंग भी किया करती थी। इस कारण उनका मुंबई आना जाना लगा रहता था। एक बार ऐसे ही वो मॉडलिंग के लिए मुंबई आयी थी और एक रेस्टोरेंट में बैठी थी वही डायरेक्टर अनुराग बासु भी मौजूद थे ,जो गैंगस्टर मूवी बनाने जा रहे थे। और तभी उनकी नज़र पड़ी कंगना पड़ी और वो उनके लुक्स से काफी ज्यादा इम्प्रेस हो गए।
तभी उन्होंने एक कागज पर अपना नाम और नंबर लिख कर वेटर से कहा कि कंगना को दे। लेकिन कंगना ने गुस्से में आकर बोला कि कौन है वो क्यों मुझसे बात करना चाहता है। अनुराग बासु सिचुएशन को देखते हुए उनके पास आये और अपना नाम और काम बताया, तब जाकर कंगना फिल्म के लिए मान गयी। लोगो को गैंगस्टर में कंगना की एक्टिंग काफी पसंद आयी। उन्हें काफी अवार्ड्स भी मिले। फिर क्या था एक एक कर सारे टॉप डायरेक्टर्स कंगना को sign करते गए और वो बॉलीवुड को हिट फिल्में देती गयी। आज कंगना बॉलीवुड की क्वीन कहलाती है। आज हालत ऐसे है की किसी फिल्म में उन्हें बड़े हीरो की जरुरत नहीं पड़ती वो अकेले ही फिल्म को करोड़ो का बिज़नेस देती है।