एक खास दिन किसी नया नीति के आधार पर तय नहीं हुआ है बल्कि यह खास दिन उनकी मजहबी मान्यताओं के आधार पर निर्धारित किया गया है। 500 से ज्यादा कैदी छोड़े गए हैं एक इस्लामिक मुल्क में जिन्होंने विभिन्न प्रकार के अपराधों में हिस्सा लिया था। यद्द्पि किसी भी सेकुलर मुल्क में इस प्रकार के फैसले संभव ही नहीं है क्योंकि वहां पर ऐसे फैसले लेना सीधे-सीधे सांप्रदायिकता घोषित कर दिया जाता है और देश को सांप्रदायिक मार्ग पर ले जाना कहां जाने लगता है। यदि सेकुलरिज्म के वर्तमान सिद्धांत सेकुलर देशों की सीमाओं के बाहर जाते ही दम तोड़ देते हैं।
विदित हो कि यह बात इस्लामिक मुल्क सऊदी अरब की हो रही है जहां भारत में अपराध करके तमाम गैंगस्टरो ने एक-एक करके शरण पाई थी और वहां से अपना आपराधिक साम्राज्य खड़ा करके भारत में संचालित करते रहे । इसमें दाऊद इब्राहिम , अबू सलेम , छोटा शकील देखें दुर्दांत अपराधी प्रमुख है। उसी सऊदी सरकार ने लिया है एक बड़ा फैसला और उस फैसले के चलते वह रिहा करने जा रही है 500 से ज्यादा कैदियों को जिसके लिए न्याया नहीं बल्कि ईद का दिन रखा गया है..
मिली जानकारी के अनुसार अमीरात के शासकों ने पारंपरिक रूप से रमजान और ईद के दौरान सैकड़ों कैदियों को माफ कर दिया। अप्रैल में, अल नाहन ने पवित्र महीने के लिए 1,511 कैदियों को माफ कर दिया जबकि दुबई के उपराष्ट्रपति और शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद ने उसी महीने 874 कैदियों को निर्वासित कर दिया। समाचार एजेंसी, डब्ल्यूएएम ने कहा, “राष्ट्रपति की क्षमा माफी और सहिष्णुता के मूल्यों के आधार पर संयुक्त अरब अमीरात की मानवीय पहल के संदर्भ में आती है और जारी कैदियों को एक नया जीवन शुरू करके बेहतर के लिए बदलने का मौका देता है और इस तरह से उनके परिवार और समुदायों सकारात्मक भागीदारी में संलग्न होता है।।
इसी इसी क्रम में एक अन्य इस्लामिक मुल्क ओमान सुल्तान ने भी विपक्षी नेताओं को माफ कर दिया है। और उनकी देश वापसी के लिए हवाई यात्रा का भी इंतजाम किया है। ओमानी पत्रकार तुर्क अल-बालुशी ने बताया, “सुल्तान हेथम बिन तारिक द्वारा कई ओमानियों को ब्रिटेन में शरण दिए जाने के पक्ष में एक माफी जारी की गई है।”