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जहां लगते हैं "टुकड़े - टुकड़े" के नारे, वहां "वंदेमातरम" का उद्घोष करता है ABVP.. लेनिन, चे ग्वेरा, फिदेल कास्त्रो के चेलों को श्रीराम के सिद्धांतों से देता है जवाब

बहुत अंतर है छात्रों के 2 समूहों के बीच व उनकी मानसिकता में..

Rahul Pandey
  • Jul 9 2020 5:51AM

सबकी अपनी अलग अलग विचारधारा है और उस विचारधारा को अपने हिसाब से आगे बढ़ाने और अपनी विचारधारा को सही कहने की होड़ भी भारत में मची हुई है । अचानक ही बीच में एक शब्द आता है जिसका नाम है "अभिव्यक्ति की आजादी"। यह शब्द पिछली सरकारों में ना के बराबर सुनाई देता था क्योंकि संभवत यह भी कहा जाता है कि तब अभिव्यक्त ही नहीं सब कुछ करने की भी आजादी थी। जिसका जो मन होता था वह वह कर देता था और इसे अपने संवैधानिक अधिकार का नाम दे देता था।

सरकार बदली और सही और गलत में एक सीमा रेखा खींच दी गई। जो सही था उसको सही माना गया और जो गलत था उस पर कानूनी कार्यवाही शुरू हो गई। जब दायरे से मिटने लगे तब अभिव्यक्ति की आजादी नाम का एक नया नारा दिया गया और उस नारे के नाम पर "भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह" जैसे नारे लगाए गए। इन नारों पर जब पुलिस ने कार्यवाही शुरू की तब नारे लगाने वालों के समर्थन में ऐसे ऐसे नाम दिखाई दिए जो या तो मुख्यमंत्री हैं या तो भारत का प्रधानमंत्री बनने के सपने पाल कर चल रहे हैं।

आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी की स्थापना दिवस है। राष्ट्रवादी छात्रों का यह वह पवित्र और गौरवशाली समूह है जो छात्र जीवन में ही स्वामी विवेकानंद, भगवान श्री राम , भगवान श्री कृष्ण के आदर्शो को अपनाकर के देश की गौरवशाली परंपरा को जीवंत रखने के लिए सतत संघर्ष कर रहा है। जहां जहां भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाल्लाह इंशाल्लाह जैसा नारा लगता है वहां वहां यह राष्ट्रवादी समूह वंदे मातरम , भारत माता की जय , जय श्री राम,  हर हर महादेव जैसे उद्घोष करता है और विधर्मी नारों से बने नकारात्मक माहौल को कम करके वहां सकारात्मकता का संचार करता है। जहां-जहां हरे रंग , काले रंग का झंडा लहरा करके एक गुप्त संदेश देने का प्रयास होता है वहीं वहीं एबीवीपी भगवा ध्वज फ़हरा करके राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश देता है ।

इस राष्ट्रवादी समूह के कई छात्रों ने युवावस्था में ही देश के लिए अपने प्राणों को विधर्म से लड़ते हुए बलिदान दे दिया है। लेनिन जिनपिंग , कार्ल मार्क्स , चे ग्वेरा, फिदेल कास्त्रो और ना जाने किन-किन विदेशी ताकतों की सोच को भारत पर थोपने वालों को नित नए जवाब अपने अंदाज में देने वाले गौरवशाली समूह का नाम है एबीवीपी। आज एबीवीपी की स्थापना दिवस है जिस पर पूरे देश में विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। उन कार्यक्रमों में देश प्रेम की झांकी और धर्म रक्षा का संकल्प आपको हर कहीं दिख जाएगा।

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