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कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर का नई शिक्षा नीति को भरपूर समर्थन

35 साल बाद केंद्र सरकार ने दी नई शिक्षा नीति को हरी झंडी कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने किया समर्थन

Sudarshan News
  • Jul 31 2020 10:55PM

केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। जिसके बाद से सियासी गलियारों में इसको लेकर बहस छिड़ गई, कई नेताओं ने इस नीति का समर्थन किया तो वहीं कई नेताओं ने इसका विरोध किया। लेकिन इस बहस को एक नया मोड़ तब मिला जब फिल्म अभिनेत्री और कांग्रेस की नेता खुशबू सुंदर ने केंद्र कि नई शिक्षा नीति का विरोध करने के बजाए उसका स्वागत किया।

 कांग्रेस पार्टी की लीग से हट कर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए शिक्षा नीति का समर्थन करने के लिए उन्होंने ट्वीट करके राहुल गांधी से माफ़ी मांगी। उन्होंने इसके लिए चार ट्वीट किए, जिसमें पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा "नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरे विचार मेरी पार्टी से अलग है और मैं इसके लिए राहुल गांधी से माफ़ी मांगती हूं। लेकिन मैं किसी रोबोट या कठपुतली कि तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करना पसंद करती हूं। हर विषय पर यह जरूरी नहीं की हम अपने नेता से सहमत हो, लेकिन एक नागरिक के तौर पर बहादुरी से अपनी राय रखने का साहस रख सकते हैं।"

खुश्बू सुंदर ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, "राजनीति केवल शोर करने के लिए नहीं है, इसका मतलब साथ मिलकर काम करना है और यह बात बीजेपी, पीएमओ को समझना होगा। विपक्ष के तौर पर,हम इस पर विस्तार से देखेंगे और उसकी कमियों को बाहर लेकर आएगे। केंद्र सरकार को नई शिक्षा नीति से जुड़ी खामियों को लेकर हर किसी को विश्वास दिलाना चाहिए।"

कांग्रेस नेता ने अपने अगले ट्वीट में कहा ' मैं सकारात्मक पहलुओं को देखना पसंद करती हूं और नकारात्मक विचारों और चीजो पर काम करती हूं। हमे समस्या का हल बताना चाहिए ना कि केवल अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। विपक्ष का असली मतलब देश के भविष्य के लिए काम करना भी हैं। मैं अटल जी की ज़िंदगी से एक अंश लेना चाहूंगी।'

उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा 'मैं बीजेपी पार्टी मैं शामिल नहीं हो रहीं हूं। उन्होंने आगे कहा संघ से जुड़े लोग आराम कर सकते है, लेकिन उन्हें अत्यधिक खुश नहीं होना चाहिए। मैं बीजेपी में नहीं जा रहीं हूं। मेरी राय मेरी पार्टी से विपरित हो सकतीं है, लेकिन मैं खुद कि सोच वाली इंसान हू। हां, नई शिक्षा नीति में अनेकों खामियां है लेकिन मुझे तब भी लगता है कि हम इसे सकारात्मक रूप से देख सकते हैं।'

केंद्र सरकार ने 35 साल के इंतजार के बाद 29 जुलाई 2020 को जाके नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी। लाखों सुझाव को देखने के बाद कहीं जाकर नई शिक्षा नीति बनाई गई, जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है। नई शिक्षा नीति के अनुसार पहले की 10+2 वाले फॉर्मेट को बदल दिया गया है और उसकी जगह 5+3+3+4 जो की नया फॉर्मेट है उसे लागू किया गया है। नई फॉर्मेट के अनुसार अब से  स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए विभाजित किया गया है. इसमें प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12वीं तक आखिरी हिस्सा होगा।

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