कासगंज कांड के मुख्य आरोपी मोती सिंह को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। यह इनकाउंटर सुबह 3:30 बजे काली नदी के पास हुआ। पुलिस ने मुखबिर की खबर के आधार पर रेकी करके मोती सिंह को करथला रोड पर घेर लिया। इसके बाद दोनों तरफ से फायरिंग हुई। जिसमें हत्यारे शराब माफिया मोती सिंह को गोली लग गई। मोती सिंह को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मोती सिंह के पास से लूटी हुई सरकारी पिस्टल और एक तमंचा बरामद किया है। मोती और पुलिस के बीच करतला रोड पर काली नदी के पास मुठभेड़ हुई।
जानिए क्या था पूरा मामला-
कासगंज जिले के नगला धीमर गांव में 10 फरवरी को अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने गई पुलिस पार्टी पर शराब माफियाओं ने जानलेवा हमला किया था, इस हमले में सिपाही देवेंद्र सिंह शहीद हो गए थे, सिपाही देवेंद्र को मोती सिंह और उसके साथियों ने पीट-पीट कर मार डाला था, जबकि दारोगा अशोक गंभीर रूप से घायल अवस्था मे खेत मे मिले थे। यह अवैध कारोबार मोती सिंह और उसका भाई चला रहा था। पुलिस पार्टी पर हमले के बाद सभी बदमाश मौके से फरार हो गए थे। मुख्य आरोपी मोती सिंह के ऊपर पुलिस ने एक लाख का ईनाम घोषित किया था। पुलिस के साथ हुई इस मुठभेड़ में मोती सिंह के दो भाई भागने में कामयाब हो गए है फिलहाल पुलिस उनकी तलाश में है।
कटरी किंग के नाम से जाना जाता था मोती सिंह -
नगला धीमर इलाके में हिस्ट्रीशीटर मोती सिंह का आतंक था। लोग उसे कटरी किंग कहते थे। पुलिस ने मारपीट की घटना के बाद अगले ही दिन मोती के भाई एलकार को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। एलकार मोती का चचेरा भाई था। उसका एनकाउंटर भी 10 फरवरी को सुबह तड़के तीन बजे काली नदी के किनारे किया गया था। पुलिस इस केस में मोती की मां सियारानी, नवाब और गुड्डू को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
शहीद सिपाही देवेंद्र की कल है तेहरवीं -
10 फरवरी को हुए घटनाक्रम में शहीद हुए सिपाही देवेंद्र सिंह का कल तेरहवीं संस्कार है। देवेंद्र की तेरहवीं से ठीक 1 दिन पहले उसके हत्यारे मोती सिंह को ढेर कर यूपी पुलिस ने अपनी सच्ची श्रद्धांजलि देवेंद्र सिंह को दी है। इस मुठभेड़ के साथ यूपी पुलिस ने अपने इरादे और साफ कर दिए हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की जो पॉलिसी अपनाई है उसको यूपी पुलिस अक्षरश: जमीन पर उतार रही है।