गौ हत्यारो की पैरवी थी भारत के सेक्युलरिज़्म का फैशन... लेकिन कर्नाटक में जो कुछ भी हुआ वो इतिहास में पहली बार है
कर्नाटक: पशुपालन विभाग के मंत्री का बड़ा ऐलान, वापस लिए जाएंगे ‘गौरक्षकों’ के खिलाफ दर्ज केस
कर्नाटक सरकार लगातार गौ-हत्यारों पर प्रहार कर रही है। सरकार ने हाल ही में गो-वध निषेध विधेयक पारित किया था, ताकि अब कोई आगे गायों की हत्या न कर सके और अब इसी कड़ी में सरकार ने एक और ऐलान किया है, जिसमें पिछले समय में गौरक्षकों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जायेंगे।
दरअसल कर्नाटक पशुपालन विभाग के मंत्री प्रभू वी चौहान ने कहा, ‘गायों की निगरानी के मामले में जिन पर भी केस रजिस्टर हुआ है उनको वापस लिया जाएगा क्योंकि अब गो-वध निषेध कानून लागू हो गया है। मैंने पुलिस विभाग को ऐसा करने को कह दिया है। कर्नाटक रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज केस भी वापस होंगे।
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने दिसंबर में ही गो-वध निषेध विधेयक पारित किया था। इस दौरान विधानसभा में काफी हंगामा हुआ था। कांग्रेस ने अब इस बिल को कानूनन चुनौती देने की बात कही है। भारी विरोध के बीच सरकार ने ‘कर्नाटक मवेशी वध निषेध और संरक्षण विधेयक, 2020’ पारित किया था।
क्या है कर्नाटक गोहत्या निषेध कानून ?
कर्नाटक गोहत्या निषेध कानून और मवेशी संरक्षण-विधेयक -2020 के नाम से जाना जाने वाले विधेयक में राज्य में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार और गौहत्या करने वालों पर कड़ी सजा का प्रस्ताव रखा गया है।
बता दें कि कर्नाटक में कुछ दिन पहले ही गोवध रोकथाम कानून के तहत पहली गिरफ्तारी हुई है, वहां पुलिस ने 35 मवेशी बरामद किए थे। हांलाकि इस कानून के आने के बाद गो-हत्या के मामले में कम हुए हैं। इस तरह के कानून की देश भर में आवश्कता है क्योंकि गो-हत्या का मामला देश की सबसे बड़ी जंनसंख्या की आस्था से जुड़ा है।
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