3000 करोड़ की कमाई करने वाली इंटरसिटी आज 100 करोड़ पर सिमट गई
कोटा की हॉस्टल इंडस्ट्री जो सालाना ₹3000 करोड रुपए कमाती थी आज इस कोरोना काल में 100 करोड़ पर सिमट कर रह गई है
कोटा जिसे की देश नहीं विदेश भी शिक्षा नगरी के नाम से जानता है आज बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है इस कोरोना काल में जहां एक और बच्चों का आगमन रुक गया है जिस करके कोटा की एजुकेशन इंडस्ट्री तो संघर्ष कर रही है उससे ज्यादा संघर्ष हॉस्टल इंडस्ट्री को करना पड़ रहा है जहां सालाना बच्चों के यहां आने के बाद हॉस्टल इंडस्ट्री को 3000 करोड़ की कमाई होती थी वह आज सिमटकर 100 करोड़ से भी कम की रह गई है प्रशासन इस और ध्यान ही नहीं दे रहा कई लोगों ने 2020 वर्ष में लोन लेकर हॉस्टल्स का निर्माण करवाया आज हालात यह है कि वह बच्चों के ना होने के कारण हॉस्टल ना भरने के कारण लोन की किस्त भी नहीं चुका पा रहे हैं आलम यह है कि जब हमने हॉस्टल संचालकों से बात की तो उनका कहना है कि प्रशासन किसी भी प्रकार का हल नहीं निकाल रहा हमारे भूखों मरने के दिन आ गए हैं अब अधिक बर्दाश्त नहीं होता प्रशासन को हमारे लिए सोचना चाहिए वरना सुसाइड के अलावा हमारे पास और कोई रास्ता नहीं बचता है हॉस्टल संचालकों में इतना गुस्सा है कि जब उनसे शहर की विकास की बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसे विकास का क्या करेंगे जब आमदनी के साधन खत्म हो जाएंगे आज के समय में कोटा सिर्फ एजुकेशन इंडस्ट्री पर निर्भर है पूर्णतया जिस के प्रदेश सरकार और प्रशासन को शीघ्र अति शीघ्र कुछ ठोस कदम उठाने होंगे वरना कोटा के लिए आने वाला समय बड़ी विकट परिस्थितियों लेकर आएगा जिससे उभरना कोटा वासियों के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा
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