हमेशा अपनी और अपने मुल्क़ की बेइज्जती कराने वाले, बेज्जइती के 'ब्रांड एम्बेसडर' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाज़ इमरान खान को इस बार भारत की बेटी 'स्नेहा दुबे' ने धो डाला।
दरअसल ,न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 76वीं सालाना बैठक चल रही थी । पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने आदतन वहां जाकर अपना कश्मीर राग ही अलापा और भारत की छवि को खराब करने का असफल प्रयास किया। तभी भारत की बेटी, स्नेहा दुबे ने 'राइट टू रिप्लाई' का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी मंसूबों पर पानी फेर दिया। स्नेहा दुबे ने बेहद सख्त लहजे में भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी। अब पूरे देश में स्नेहा दुबे की तारीफ की जा रही है। सोशल मीडिया पर भी लोग स्नेहा दुबे का वीडियो शेयर करके उनकी तारीफों को पुल बांध रहे हैं।
स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ' हम हमारे देश के आंतरिक मामलों को सामने लाकर और विश्व स्तर पर झूठ फैलाने के लिए इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के लिए पाकिस्तान के नेता द्वारा किए गए एक और प्रयास को लेकर जवाब के अपने अधिकार का प्रयोग करते हैं.' महासभा के 76वें सत्र में अपने संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर निशाना साधते हुए युवा भारतीय राजनयिक ने कहा, 'हालांकि, इस तरह के बयान बार-बार झूठ बोलने वाले व्यक्ति की मानसिकता के लिए हमारी सामूहिक अवमानना और सहानुभूति के पात्र हैं, लेकिन मैं सीधे इस मंच के माध्यम से सही तथ्य रख रही हूं.'
कौन हैं स्नेहा दुबे?
बचपन से आईएफएफ बनने का सपना देखने वाली स्नेहा दुबे 2012 बैच की इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर हैं. उन्होंन अपनी स्कूली पढ़ाई गोवा में की. बाद में उन्होंने पुणे और फिर जेएनयू से इंटरनेशनल स्टडीज में एफफिल की डिग्री हासिल की. खास बात ये कि साल 2011 में स्नेहा ने अपने पहले अटैम्प्ट में ही सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली थी. उनके पिता एक मल्टीनेशल कंपनी में काम करते हैं और मां शिक्षिका हैं। उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर और एमफिल की पढ़ाई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से पूरी की है। स्नेहा के बारे में जेएनयू में क्षेत्रीय अध्ययन विकास केंद्र (आरएसडीसी) के अध्यक्ष प्रो. मिलाप पुनिया ने कहा कि यूएनजीए में पाकिस्तान की बोलती बंद करके स्नेहा ने जेएनयू का भी गौरव बढ़ाया है। जेएनयू को उन पर गर्व है।
राष्ट्रवादी विचारों के करीब हैं स्नेहा
स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्नेहा ने जेएनयू में स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज में अपनी एमफिल की पढ़ाई पूरी की थी। जेएनयू में वर्ष 2008 में फ्रेंच स्नातक में दाखिला लेने वाले विनयकांत ने बताया कि जब स्नेहा जेएनयू में एमए कर रही थीं तब वह भी पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान कई मौकों पर उन्होंने देखा कि स्नेहा का राष्ट्रवादी विचारों के करीब हैं। हालांकि, वह छात्र राजनीति से दूर रहती थीं।
एनम गंभीर ने 2016 और 2017 में पाकिस्तान को दिया जवाब
सितंबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में तत्कालीन प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन में भारत के उत्तर का अधिकार दिया था. उन्होंने कहा था, ‘दुनिया अभी तक नहीं भूली है कि उस नृशंस हमले की राह पाकिस्तान के एबटाबाद तक गई, तक्षशिला की भूमि, जो प्राचीन काल के सबसे बड़े शिक्षा केंद्रों में से एक है अब आतंकवाद के आइवी लीग की मेजबानी कर रही है.’ 2017 में भी ईनम गंभीर ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को जवाब दिया था. उन्होंने कहा था, ‘अपने छोटे से इतिहास में पाकिस्तान आतंक का पर्याय बन गया है. पवित्र भूमि की तलाश ने वास्तव में ‘शुद्ध आतंक की भूमि’ का निर्माण किया है. पाकिस्तान अब आतंकवादी है… इसकी वर्तमान स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का नेता हाफिज मोहम्मद सईद को अब एक राजनीतिक दल के नेता के रूप में वैध बनाने की मांग की जा रही है.’