बीते कई महीनो से देश के विभिन्न हिस्सों में जा जा कर किसान महापंचायत कर रही, किसान यूनियन और उनके 'किसान' से 'नेता' बने राकेश टिकैत एक बार फिर से भारत बंद करने की कवायद में लग गए है। 26 जनवरी को दिल्ली और दिल्ली की सीमाओं पर कब्ज़ा करने के मकसद से उतरे 'तथाकथित किसान', उस वाकये को १० महीने बीतने के बाद 27 सितम्बर को एक बार फिरसे दिल्ली की सीमाओं को कैद करने के लिए उतरेंगे। यानी कि अपनी 'ज़िद्द' को मनवाने के लिए एक बार फिर से देश की आम जनता, जो कल अपने कामो या दफ्तरों के लिए निकलेंगी, तथाकथित किसान उन्हें परेशान करेंगे।
वहीं, दूसरी ओर दिल्ली की सत्ता पर काबिज़ और उत्तर प्रदेश के 'चुनावी रण' के लिए 'फुटेज' ढूंढ रही आम आदमी पार्टी इस 'भारत बंद' के समर्थन में है।
संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, किसान आंदोलन के 10 महीने पूरे होने के अवसर पर 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि इसमें कई अन्य किसान संगठन भी शामिल हो रहे हैं और इनकी संख्या करीब 100 है। किसान संगठनों ने राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों, किसान संघों, युवाओं, शिक्षकों, स्टूडेंट्स, महिलाओं, मजदूर संघों से भी 27 सितंबर को आहूत भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है।
आप करेगी समर्थन
संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने समर्थन का ऐलान किया है. आप की तरफ से बयान में कहा गया कि वे किसानों के भारत बंद का समर्थन करेंगे. सत्ताधारी भाजपा ‘अन्नदाता’ की आवाज को दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है. भाजपा को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
भारत बंद का क्या है समय?
संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी बताया है कि भारत बंद को लेकर उसकी रणनीति क्या होगी। SKM के मुताबिक, बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक के लिए आहूत किया गया है। इस दौरान अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत एवं बचाव कार्य सहित सभी आवश्यक सेवाओं को बंद से छूट रहेगी। भारत बंद स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने हालांकि राजनीतिक दलों से भी समर्थन मांगा है, पर उसकी नीति राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मंच साझा नहीं करने की है। यहां उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से भी भारत बंद को समर्थन देने तथा 'लोकतंत्र व संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा के लिए' किसानों के साथ खड़े होने की अपील की है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को बुधवार को 300 दिन पूरे हो चुके हैं। आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे देश के लाखों किसानों की इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता का सबूत बताया तो यह भी कहा कि समय के साथ यह और मजबूत हुआ है।
भारत बंद से यहां पड़ेगा प्रभाव
संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के कारण सोमवार को सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे.
बंद से इन सेवाओं पर नहीं पड़ेगा कोई असर
संयुक्त किसान मोर्चा के बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है.