किसी के हक़ लिए आवाज उठाना या कहें तो देश में निष्पक्ष रहना भी गुनाह हो गया है जिसकी सजा बेख़ौफ़ बदमाश गोलियों से भूनकर देते है। ऐसा ही एक ताजा मामला झारखण्ड के रांची से आ रहा है जहाँ एक बीजेपी नेता जीतराम मुंडा की गोली मरकर हत्या कर दी गई है मृतक रांची के ओरमांझी में बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष थे।
जानकारी के मुताबिक जीतराम मुंडा की जब हत्या हुई तब वे किसी कार्यक्रम से लौट रहे थे तभी, बाइक सवार कुछ गुंडों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी। ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद अपराधी वहां से फरार हो गए। आनन-फानन में घायल जीतराम मुंडा को मेदांता हॉस्पिटल लाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उनसे मृत घोषित कर दिया। खबर मिलने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गई। स्थानीय पुलिस के साथ ही आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सीसीटीवी की पड़ताल के साथ ही नाकेबंदी कर चेकिंग शुरू करा दी गई।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के बयान से तो ऐसा लग रहा है की काफी हद तक हत्या की वजह तो प्रशासन भी होती है। उन्होंने बताया कि जीतराम को पहले से हमले की आशंका थी। इससे पहले भी उनपर हमला हुआ था। मुंडा ने कहा, 'जीतराम ने आर्म लाइसेंस के लिए भी आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने ना तो उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई और न ही आर्म्स लाइसेंस दिया। पूर्व सीएम रघुवर दास और सांसद संजय सेठ ने घटना की कड़ी निंदा की है और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है।