पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में श्रद्धालुओं को ले जा रही बस पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. इस घटना में अब तक 9 लोग मारे गए और करीब 33 अन्य घायल हो गए. आतंकियों की तलाश के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया है. दरअसल, क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को हमले की जांच का काम सौंपा गया.
जानकारी के लिए बता दें कि यह घटना तब हुई जब बस शिव खोरी मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा की ओर लौट रही थी. बता दें कि पास के जंगल में छिपे आतंकवादियों ने वाहन पर घात लगाकर गोलीबारी की. बस के ड्राइवर को एक गोली लगी और उसने संतुलन खो दिया, जिससे वाहन खाई में लुढ़क गया.
दरअसल, भारत ने 2023 में द रेसिस्टेंस फ्रंट को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया था. इसकी स्थापना 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद की गई थी और यह दर्जनों आतंकी हमलों में शामिल रहा है. जानकारी के अनुसार, रियासी बस हमले में दो से तीन आतंकी शामिल थे. आतंकवादी उसी समूह का हिस्सा हैं जिन्होंने पिछले महीने राजौरी और पुंछ में अन्य हमलों को अंजाम दिया था. आतंकवादी घनी वनस्पतियों में छिपे हुए थे और रविवार को घात लगाकर बस पर हमला कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, आतंकवादी पाकिस्तानी थे और उसी समूह से थे जो दो साल से पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण में सक्रिय है. तलाशी अभियान के तहत, जिस स्थान पर हमला हुआ था उसके आसपास की घनी वनस्पतियों की खोज के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक टीम भी ऑपरेशन में शामिल हो गई है.