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जबलपुर। सामने आया चिटफंड कम्पनी का फर्जीवाड़ा , बुक पब्लिकेशन के नाम पर हज़ारों बेरोजगारों से करोड़ों रुपए ले कंपनी हुई रफूचक्कर,

खबर लगते ही बड़ी संख्या में उखरी रोड स्थित फर्जी कंपनी के ऑफिस के बाहर एकत्रित हुई भीड़, मौके पर पुलिस बल रहा तैनात।

जीतेन्द्र चिमनानी
  • Dec 15 2020 11:12AM
जबलपुर। सोमवार श्याम से लेकर देर रात तक बड़ी संख्या में हजारों लोगों का हुजूम उखड़ी रोड पर जबलपुर बुक पब्लिकेशन के कार्यालय के बाहर इकट्ठा रहा। लोगो में आक्रोश था और वो स्वयं को ठगा महसूस कर रहे थे। सड़कों पर आने जाने वाले लोग भीड़ देख जानना चाह रहे थे कि आखिर माजरा क्या है?सोशल मीडिया में भी घटना को लेकर अफ़वाओ का बाजार काफी गरम रहा।
आखिर क्या था मामला?
दरासल,नेत्रहीन बच्चों के लिए ब्रेल लिपि में उपन्यास लिखकर कागज में पिन टोचकर घर बैठे हर माह चार से पांच हजार रुपये कमाई का झांसा देकर जालसाजों ने शहर के हजारों युवक-युवतियों व घरेलू कामकाजी महिलाओं को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया है। उखरी चौक के समीप एक किराए की बिल्डिंग में जबलपुर बुक पब्लिकेशन नाम से संचालित ठगी की इस दुकान की असलियत सोमवार रात सामने आई जब योजना से जुड़ने वाले बेरोजगारों को पता चला कि एनजीओ के अधिकारी करोड़ों रुपये लेकर शहर से भाग गए। एक हजार से ज्यादा युवक-युवतियों, महिलाओं ने जबलपुर बुक डिपो का कार्यालय घेर लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बलपूर्वक भीड़ को तितर बितर करने का प्रयास किया, लेकिन ठगी का शिकार बेरोजगार लाठी सहने को भी तैयार हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस के लाठीचार्ज में कुछ बेरोजगारों को चोट आई जिन्हें अस्पताल भेजा गया।
 
२५०० में रजिस्ट्रेशन १५ दिन में ५००० की कमाई
बेरोजगारों ने 2500 रुपये में चिटफंड कंपनी की सदस्यता ली थी। योजना के तहत नए सदस्य बनाने पर 500 रुपये कमीशन का आश्वासन दिया गया था। योजना के पुराने ग्राहकों को कुछ कमाई का अवसर अवश्य मिला लेकिन नए ग्राहकों की रकम डूब गई। रकम लेने के बाद कंपनी बेरोजगारों को ब्रेल लिपि में उपन्यास लिखने का किट देती थी। प्रत्येक पन्ने पर नौ लाइनें लिखनी थीं। काम आसान था और कोई भी कर सकता था इसलिए बेरोजगारी दूर करने के लिए कर्ज लेकर भी लोगों ने ढाई हजार रुपये जमा किए थे।

जाल बिछाने पहले किया लोगो को भुगतान

पाटन से आये पीड़ित का कहना था कि उसके सामने कुछ लोगों को कंपनी द्वारा दिखावे के लिए 4 से 5 हजार का भुगतान किया गया था, जिससे लोगों को भरोसा हो जाता था और वे लोग पैसा जमा कर रजिस्ट्रेशन करवाते थे इसके लिए सुबह से कार्यालय के बाहर बेरोजगारों की भीड़ जमा हो जाती थी।
 
चालू रहा डायरेक्टर का मोबाइल
हंगामा बरपने के बाद पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर कुमार शानू से मोबाइल पर बात की। उसने बताया कि वह सतना में है और जल्द ही जबलपुर पहुंचकर वस्तुस्थिति से अवगत कराएगा।
 
S.P ने दिया जलद गिरफ्तारी करने निर्देश
बेरोजगारों से ठगी होने की जानकारी लगने पर मामला दर्ज कर जालसाजों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी
 

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