भारत, मध्यप्रदेश
जबलपुर-हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और उसकी मौत के बाद पीड़ित परिवार के घर रिश्तेदार बनकर पहुंची जबलपुर मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रोफेसर राजकुमारी बंसल ने साफ कहा है कि उन्होने किसी को भाभी नहीं कहा, मैं तो वहां इसलिए गई थी कि इस घटना ने मुझे बहुत आहत किया था। अगर वे दोबारा बुलाएंगे, तो फिर जाऊंगी हाथरस जाऊंगी। डॉ. बंसल ने बताया कि हाथरस की घटना के बाद वे 5 दिन से बेहद दुखी थीं। इसी से परेशान होकर 4 अक्टूबर को ट्रेन से हाथरस पहुंची। यहां पूछते-पूछते हुए पीड़ित परिवार के घर तक पहुंचीं। दो दिन वहां रुकीं।
हालांकि वो इससे पहले भी विवादों में आ चुकी हैं। जिला चिकित्सालय डिंडोरी में ड्यूटी से अनुपस्थित होने के कारण राजकुमारी पर कार्रवाई की गई थी। उन पर अधिकारियों को SC/ST Act में फंसाने के आरोप भी लगे थे।
कांग्रेस अब इस मामले में डॉ. बंसल के सपोर्ट में आ गई है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि मुझे वो बहुत की संवेदनशील महिला लगी। एक माह के वेतन का चेक देकर आई है। वह कोई अपराधी नहीं। यूपी एसटीएफ बिना किसी अपराध के जबरदस्ती झूठी कहानी गढ़कर गिरफ्तार नहीं कर सकती है। फिलहाल, कांग्रेस का राजकुमारी मसले के सहारे दलित वोट साधने की कोशिश माना जा रहा है।
डॉ. राजकुमारी बंसल जबलपुर मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पीके कसार ने एक सरकारी सेवक के इस तरह के आंदोलनों में शामिल होने को गंभीर माना है। उन्होंने कहा है कि डॉ. बंसल को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया और शासन के नियमों के मुताबिक उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। उनके खिलाफ इस बार कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।