प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई के डायरेक्टर के लिए चयन समिति की बैठक बुलाई थी , जिसमें सोमवार को चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए । लगभग 90 मिनट तक चली इस मीटिंग में सीबीआई डायरेक्टर पद के लिए रेस में शामिल कैंडिडेट को शॉर्टलिस्ट करना था इस दौरान जस्टिस रमन्ना ने एक नियम का हवाला दिया जिसके वजह से 2 नाम रेस से बाहर हो गए । जस्टिस रमन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि नए डायरेक्टर के चयन में 6 महीने के नियम का पालन होना चाहिए इस नियम के अनुसार जिन अफसरों का कार्यकाल 6 महीने से कम बचा है उनके नाम पर विचार ना किया जाए।
मीटिंग में CJI की बात का अधीर रंजन चौधरी ने समर्थन किया , 3 मेंबर वाले पैनल में 2 लोगों के समर्थन से इस नियम पर विचार किया गया जिसके साथ ही 2 नाम सीबीआई डायरेक्टर की पद की रेस से बाहर हो गए इनमें बीएसएफ के चीफ राकेश अस्थाना शामिल है , जिनको 31 अगस्त को रिटायर होना है इसके अलावा 31 मई को रिटायर होने वाले एनआईए प्रमुख वाईसी मोदी का नाम भी लिस्ट में शामिल था जिस पर अब विचार है नहीं किया जाएगा, हालांकि इन्हीं दोनों नामों को सीबीआई डायरेक्टर पद के लिए सबसे अहम माना जा रहा था ।
सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी को चुना जाता है सीबीआई चीफ
सीबीआई डायरेक्टर का पद फरवरी से खाली है, फरवरी तक इस पोस्ट पर ऋषि कुमार शुक्ला थे उनके रिटायर होने के बाद प्रवीण सिन्हा सीबीआई के अंतरिम प्रमुख बने । इस पोस्ट के लिए सबसे अनुभवी आईपीएस अधिकारी यानी 1984 से 1987 के बीच के अफसरों के नाम पर विचार किया जा रहा है, सिलेक्शन समिति सीनियरिटी ,इमानदारी ,एंटी करप्शन केस की जांच के एक्सपीरियंस के आधार पर सीबीआई डायरेक्टर का चयन करता है ।