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…तो क्या इसलिए हो रही लखीमपुर मामले को सियासी रंग देने की कोशिश

2017 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का नारा दिया था। पार्टी का मंतव्य यह था कि यूपी को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन जरूरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में इस नारे को हकीकत में साकार किया है। जिसका परिणाम है कि कुछ छोटे और स्थानीय स्तर के मुद्दों को छोड़ दें, तो प्रदेश स्तर पर विपक्ष अभी भी खाली हाथ है।

रजत के.मिश्र , Twitter - rajatkmishra1
  • Oct 6 2021 1:21PM

भाजपा ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का नारा दिया था। पार्टी का मंतव्य यह था कि यूपी को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन जरूरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में इस नारे को हकीकत में साकार किया है। जिसका परिणाम है कि कुछ छोटे और स्थानीय स्तर के मुद्दों को छोड़ दें, तो प्रदेश स्तर पर विपक्ष अभी भी खाली हाथ है। 

भाजपा सरकार ने प्रदेश में अपने कार्यकाल के साढ़े चार साल पूरे कर लिए हैं। निकट भविष्य में प्रदेश में होने वाले चुनावों को देखते हुए सभी दल चुनावी मोड में आ चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकार के खिलाफ चुनावी चौसर में समूचे विपक्ष को बढ़त नहीं मिल पाई है। विपक्ष कोशिश तो भरपूर कर रहा है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पा रही है। इसीलिए विपक्ष किसी भी मौके को गंवाना नहीं चाहता है और लखीमपुर में किसानों के मामलों को गर्म करने के लिए सियासी रंग दे रहा है। हालांकि सीएम योगी ने लखीमपुर मामले का जिस कुशल प्रबंधन से समाधान निकाला है, उससे विपक्ष के मंसूबे साकार नहीं हो पाए हैं।

इस बारे में भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं कि सरकार के खिलाफ विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। सीएम योगी ने बिना भेदभाव, क्षेत्रवाद और जातिवाद के सभी वर्गों के लिए काम किया है। प्रदेश में सपा, बसपा, कांग्रेस के समय की सरकारों को भी जनता ने देखा है और अब भाजपा सरकार को भी देख रही है। उन्हें भी साफ फर्क दिख रहा है। इसी का नतीजा है कि विपक्ष को कोप भवन में रहने को मजबूर होना पड़ा है और बेवजह लखीमपुर मामले को लेकर ओछी राजनीति कर रही है।

बाबा भीम राव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के राजनीतिशास्त्र विभाग के हेड शशिकान्त पांडेय कहते हैं कि किसानों के मामले को सीएम योगी ने जिस खुबसूरती से मैनेज किया है। वह अपने आप में बड़ी राजनीतिक परिपक्वता है। इसे विपक्ष मुद्दा बनाएगा ही, लेकिन यह सीएम योगी का मास्टर मैनेजमेंट था। प्रदेश में अभी विपक्ष को मुद्दों को लेकर काफी संघर्ष करना पड़ेगा। इसमें भाजपा काफी आगे दिख रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा संगठनात्मक स्तर पर बहुत ही मजबूत है। कम से कम 10 फीसदी वोटों के स्विंग पर ही भाजपा को हराया जा सकता है, लेकिन वर्तमान समय में इतना बड़ा स्विंग विपक्ष कर पाएगा, ऐसा नहीं लगता है। भाजपा के कोर वोटर में सीएम योगी के कार्यकाल में कोई बड़ी नाराजगी नहीं है। ब्राह्मण वोटरों को लेकर भी सभी पार्टियों ने कोशिश की, लेकिन कोई बड़ा बदलाव होगा उसका कारण नजर नहीं आता है। सपा बहुत कनवेंसिंग नहीं रही है, जबकि बसपा में अभी और टूट की संभावना है।

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