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अब उठे सवाल.. असल सच क्या ? जो मुहम्मद फ़ैज़ खान दिखाना चाह रहा या जो अब रॉ बता रही ?

समाज मे शुरू हो गया है एक बड़ा मंथन कि असली सच है क्या ?

Rahul Pandey
  • Jul 29 2020 9:30AM
कुछ समय से प्रभु श्री राम मंदिर से ज्यादा शोर इस बात का है कि उस परम और पवित्र मंदिर की नींव मोहम्मद फैज खान नाम का एक कथित कथावाचक भरेगा। एक बड़ा सेकुलर वर्ग और वामपंथी वर्ग भी उस बात को भाईचारे के लिए एक संजीवनी घोषित करने लगा हिंदू समाज के बड़े वर्ग में इसका बड़ा विरोध भी शुरू हो गया और इसे भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा घोषित कर दिया गया। फिलहाल इस मामले में अभी बहस और आरोप-प्रत्यारोप चल ही रहे थे कि एक नई सूचना भारत की सर्वोच्च सुखिया एजेंसी रॉ आई है जिसमें यह चर्चा छेड़ दी है कि असल सच किसे माना जाए ? जो मोहम्मद फैज खान दिखा रहा है वह , या जो रॉ बता रही है वो ?

भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने भगवान श्री राम के मंदिर पर जिहादी आतंकी हमले की खुफिया सूचना जारी की है जिसके चलते पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर आ गया है । खुफिया एजेंसी रॉ के मुताबिक यह आतंकी हमला इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान की शह पर किया जा सकता है और इसे शिलान्यास के ही दिन करने के मंसूबे पाले गए हैं। शिलान्यास के समय हिंदू साधु संत के अलावा तमाम बड़े नेता भी वहां मौजूद होंगे ऐसे में हिंदू समाज और राम का दुश्मन कौन है इस पर अब एक नई चर्चा कर गई है। हिंदू समाज में यह चर्चा भी छिड़ गई है कि असल में कौन है वह अकेला मोहम्मद फ़ैज़ खान जो भगवान श्री राम के मंदिर की नींव भरने के लिए आतुर हैं या वह कई अनगिनत दुर्दांत कुख्यात आतंकी जो मंदिर बनने से पहले ही उस पर हमला करने के मंसूबे पाल चुके हैं।

खुफिया एजेंसी का यह भी मानना है कि यदि किसी कारणवश जिहादी 5 अगस्त शिलान्यास के दिन अपने नापाक मंसूबों में सफल ना रहे तो भी वह अपने कुत्सित प्रयास को जारी रखेंगे और अगली कोशिश 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन कर सकते हैं। खुफिया एजेंसी की सूचना के बाद में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है और अयोध्या में दोबारा किसी आतंकी हमले इस संभावना को पूरी तरीके से समाप्त करने के प्रयास में जुट गया है। ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले भी अयोध्या में एक बार पांच आतंकियों ने सीधे भगवान राम के पूजा स्थल पर हमला किया था जिसमें स्थानीय लोगों की संलिप्तता सामने आई थी जो कि खुद को क्षेत्र के सम्मानित नागरिक घोषित कर रहे थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि असल सच क्या है  ? अकेला मोहम्मद खान या इतने ढेर सारे कुख्यात व दुर्दांत आतंकी?

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