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ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तार अकोल्ही पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज गुप्ता के घर एनसीबी की विशेष टीम द्वारा निरीक्षण

ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तार अकोल्ही पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज गुप्ता के घर एनसीबी की विशेष टीम द्वारा निरीक्षण

pankaj rai
  • Nov 24 2021 12:07PM
कैमूर जिले के नुऑव प्रखंड अंतर्गत अकोल्ही पंचायत के जैतपुरा गांव में कुछ दिन पूर्व एनसीबी की विशेष टीम पहुंची थी. एनसीबी की 2 सदस्य टीम ने ड्रग तस्करी मामले में गिरफ्तार अकोल्ही पंचायत के पूर्व मुखिया के घर पर 1 घंटे से अधिक खोजबीन किया. इस दौरान एनसीबी की टीम ने किन-किन बिंदुओं पर जांच की, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. विदित हो कि एनसीबी की टीम के साथ ही नुऑव थाने के थाना प्रभारी सुनीत सिंह भी घटनास्थल पर मौजूद थे. सुदर्शन मीडिया नेटवर्क एनसीबी के अधिकारियों का आधिकारिक बयान लेने के लिए उनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.

एनसीबी के जांच अधिकारियों के दौरे की गोपनीयता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि किसी भी स्थानीय समाचार पत्र को इस खबर की भनक नहीं लगी. इंटरनेट मीडिया के दौर में इस तरह की खबरों का जनता के बीच में न पहुंचना किसी सनसनी से कम नहीं है ? कपितय कारणों से स्थानीय मीडिया को ड्रग तस्करी मामले की इतनी महत्वपूर्ण खबर नहीं मिल पाई ? विदित हो कि 27 जुलाई 2021 को अकोल्ही पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज की गिरफ्तारी उस समय हुई थी, जब वो औरंगाबाद पटना रोड के कपला पुल के पास ड्रग्स की सप्लाई करने गए थे. उनके साथ ही ड्रग्स रिसीवर रोहित गुप्ता को भी एनसीबी की टीम ने पकड़ा था. पूर्व मुखिया मनोज गुप्ता के पास 280 ग्राम हेरोइन और हेरोइन बनाने में मिलाया जाने वाला 9 किलो ब्लैकस्टोन व 255 ग्राम अल्प्राजोलम पाउडर भी बरामद किया गया था. जबकि रिसीवर रोहित गुप्ता के पास देशी पिस्टल, 12 कारतूस व ₹4,75,000 नगद बरामद हुए थे.

एनसीबी ने एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर दोनों लोगों को जेल भेज दिया था. एनसीबी की विशेष अदालत अभी तक मनोज गुप्ता को जमानत नहीं दी है. मनोज गुप्ता को 2015 में अकोल्ही पंचायत की जनता ने पंचायत की कमान दी थी. ड्रग्स तस्करी में संलिप्तता के पूर्व मनोज गुप्ता को नुऑव प्रखंड की जनता गरीबों के मसीहा के रूप में स्वीकार कर चुकी थी, पूर्व मुखिया मनोज, प्रखंड के गरीबों के बीच में कंबल वितरण का कार्य बड़े जोर शोर से किए थे. इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान गरीबों में मुफ्त अनाज व अन्य खाने पीने की चीज भी वितरित किए थे. उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव जीतने से पूर्व मनोज मुखिया ने अपने गांव में एक बड़ा यज्ञ कराया था और लगभग 20 लाख रुपए लगाकर भगवान भोलेनाथ का मंदिर भी बनवाया था. लेकिन एनसीबी द्वारा ड्रग्स के साथ गिरफ्तार होने के बाद जनता की नजर में उनके सम्मान को भारी धक्का लगा.
 

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